'मार्केट कपलिंग' के डर से धड़ाम हुए IEX के शेयर, इंट्राडे में 15% तक टूटा, जानिए क्या होता है ये?

ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्रीय बिजली रेगुलेटर को देश में सभी पावर एक्सचेंज के लिए मार्केट कपलिंग की प्रक्रिया को शुरू करने का निर्देश दिया है. इसका मकसद सभी एक्सचेंज में कीमतों में समानता लाना है.

Source: Envato

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयरों में आज जबरदस्त बिकवाली का दबाव दिख रहा है. इंट्राडे में शेयर 15% तक टूटा है. NSE पर आज इसका शेयर 116 रुपये तक फिसल गया. जबकि गुरुवार को इसका शेयर 136.45 रुपये पर बंद हुआ था.

IEX के शेयर में आई इस गिरावट की वजह है ऊर्जा मंत्रालय का वो आदेश जिसमें उसने केंद्रीय बिजली रेगुलेटर को देश में सभी पावर एक्सचेंज के लिए मार्केट कपलिंग की प्रक्रिया को शुरू करने का निर्देश दिया है.

इसका मकसद सभी एक्सचेंज में कीमतों में समानता लाना है. 2 जून को रेगुलेटर को मंत्रालय ने खत लिखा था. इसके मुताबिक, कई हितधारकों ने मंत्रालय से संपर्क किया था, जिसके बाद फैसला लिया गया.

IEX के शेयरों में एक हफ्ते में 20% तक की गिरावट आ चुकी है. एक महीने में 24% तक टूट चुका है.

क्यों आ रही है गिरावट

भारत में तीन पावर एक्सचेंज मौजूद हैं: इंडिया एनर्जी एक्सचेंज (IEX), हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज और पावर एक्सचेंज इंडिया. मौजूदा समय में, IEX भारत में इलेक्ट्रिसिटी स्पॉट प्राइस पता लगाने के लिए सबसे ज्यादा विश्वसनीय प्लेटफॉर्म है.

IEX के पास अभी 99% से ज्यादा का मार्केट शेयर है, यानी एक तरह से वो इस पूरे मार्केट को अकेले ही चलाता है, और यही प्राइस डिस्कवरी भी करता है. मार्केट कपलर के आने से उसकी इस मोनोपॉली को चुनौती मिलेगी, क्योंकि मार्केट कपलर के बाद प्राइस डिस्कवरी इसके हाथ से फिसल जाएगी. मार्केट कपलर का मतलब है कि स्वतंत्र थर्ड पार्टी सभी खरीद और बिक्री की बोलियों को इकट्ठा करेगी और सभी एक्सचेंज में समान मार्केट प्राइस तय करेगी.

ऊर्जा मंत्रालय ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी (CERC) से पॉलिसी के तेजी से अमल में लाने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा था. उसने अथॉरिटी से एक्सचेंज के साथ कंस्ट्रक्शन को लेकर चर्चा और अंतिम रूप देने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए भी कहा था.

IEX के CEO ने क्या कहा?

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रोहित बजाज ने कहा कि वो उन्हें नहीं मालूम कि इसके पीछे क्या उद्देश्य है, क्योंकि भारत के पास पहले से एक ग्रिड और एक कीमत है, क्योंकि IEX 99% से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा एक्सचेंज है. उनका कहना है कि कपलिंग से हम पर असर हो सकता है, अगर ये खरीद और बिक्री की बोलियों तक सीमित किया जाता है. लेकिन अन्य फैक्टर भी हैं. हमें इंतजार करना होगा कि बोलियों को कौन जोड़ेगा और कौन कीमतें तय करेगा.

बजाज ने कहा कि चर्चा से लेकर आखिर में अमल में लाने तक, इसमें दो से तीन साल तक लग सकते हैं.