India Opportunity Summit: सुनील सिंघानिया, सौरभ मुखर्जी और नीलेश शाह ने बताया- इंडियन मार्केट में अब आगे क्‍या?

बाजार के दिग्गजों ने बताया कि निवेश के लिहाज से भारत में कितनी ज्‍यादा संभावना है और आगे जाकर कैसे ये और बड़ा हो सकता है.

Source: BQ Prime

BQ Prime's India Opportunity Summit में मार्केट और बिजनेस जगत के दिग्‍गजों के साथ निवेश की बदलती तस्‍वीर और मेगा ट्रेंड्स को लेकर दमदार चर्चा हुई. शुरुआत हुई, इंडिया- द रोड अहेड (India-The Road Ahead) पर एक महत्‍वपूर्ण सेशन से.

एक खास सेशन में हमारे साथ जुड़े, अबेकस एसेट मैनेजर LLP के फाउंडर सुनील सिंघानिया, मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के सौरभ मुखर्जी और कोटक महिंद्रा AMC के नीलेश शाह. शेयर मार्केट के इन दिग्गजों ने बताया कि निवेश के लिहाज से भारत में कितनी ज्‍यादा संभावना है और आगे जाकर कैसे ये और बड़ा हो सकता है.

चीन की आर्थिक आत्महत्या भारत को बदल रही है: सौरभ मुखर्जी

मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के सौरभ मुखर्जी ने कहा, 'चीन की आर्थिक आत्महत्या भारत के कई महत्‍वपूर्ण इंडस्ट्री के लिए एक्सपोनेंशियल ग्रोथ का कारण बनेगी. फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में शानदार ग्रोथ होगी.'

उन्‍होंने कहा, 'चीन की आर्थिक आत्महत्या भारत के ट्रांसफॉर्मेशन का एक बड़ा कारण है. 10 साल पहले चीन के पास 2 लाख वर्ग फीट का दुनिया का सबसे बड़ा मशीन टूल हुआ करता था. लेकिन अब दुनिया के सबसे बड़े मशीन टूल बेंगलुरु में लाइव हैं, जिसे कोलकाता की एक अनलिस्टेड कंपनी ने तैयार किया है.'

हम भारत में मुनाफे का कंसोलिडेशन देख रहे हैं. 20 बड़ी कंपनियां इस वक्त देश में होने वाले मुनाफे का 80% जेनरेट कर रही हैं. इस पोलेराइजेशन की कई परतें हैं.
सौरभ मुखर्जी, मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स

अमेरिका जैसे बदलाव देखेगा भारत

सौरभ मुखर्जी ने कहा, 'मजबूत नेटवर्क वाले देशों में छोटे खिलाड़ियों को खामियाजा भुगतना पड़ता है. आप छोटी कम क्षमता वाली फर्म से बड़ी, अच्छे कैपिटल वाली और शानदार ऑटोमेटेड फर्म में ट्रांसफॉर्मेशन करते हैं. इसी तरह अमेरिका और जापान जैसे देश विकसित होते हैं, और इसी तरह का बदलाव भारत भी देखेगा.'

उन्‍होंने कहा, 'GST और नोटबंदी के साथ भारत ने पिछले 3 से 4 साल में फाइनेंशियलाइजेशन संभव हुआ. UPI के बाद फाइनेंस के डिजिटलीकरण में तेज ग्रोथ हुई और आने वाले 10 साल में इसका लाभ देखने को मिलेगा.'

US से 50 गुना बड़ी हो सकती थी हमारी इकोनॉमी: नीलेश शाह

कोटक महिंद्रा AMC के नीलेश शाह ने कहा, 'अगर अमेरिका जैसा माहौल हमें मिले, तो भारत की इकोनॉमी 50 गुना बड़ी हो सकती थी.' उन्‍होंने कहा, 'एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिहाज से सिलिकॉन वैली और अमेरिका का स्कोर भारत से अच्छा है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बेहतर हुआ है और उम्मीद है आने वाले वक्त में पॉलिसी निर्माण भी अमेरिका के लेवल तक पहुंचेगा.'

लहरों के उफान में हर नाव को ऊपर आने का मौका मिलता है. आप बस ये ध्यान रखें कि ऐसी नाव में न बैठ जाएं, जिसमें छेद हो, वरना वो डूब जाएगी. हमें 'सेल्फ गोल' से बचना है. जब तक हम इससे बचकर एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देते रहेंगे, लहरें हमें आगे ले जाएंगी. इसी में हमारे लिए अवसर छिपे हैं.
नीलेश शाह, ग्रुप प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, कोटक महिंद्रा AMC

भारत की इकोनॉमी में तेज ग्रोथ तय: सुनील सिंघानिया

एबेकस एसेट मैनेजर के सुनील सिंघानिया ने कहा, भारत की डिस्पोजेबल इनकम आने वाले 10 साल में 30-45% से बढ़कर 60-65% तक हो जाएगी. ये कंजप्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट और भारत की इकोनॉमी में ग्रोथ पैदा करेगा.

उन्‍होंने कहा, '5 साल पहले जब मैंने अबेकस की शुरुआत की, मैंने निवेशकों से मिलना शुरू किया और मैं साफ तौर पर कह सकता हूं कि देश में जितने अमीर लोग हैं, उनकी संख्या हमारी कल्पना के बाहर है. जितना पैसा लोगों के पास है, वो हमारी सोच से भी ज्यादा है.'

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उन्‍होंने कहा, 'पैसा हर जगह है. अब हमें लिक्विडिटी इवेंट्स देखने को मिल रही हैं. कुछ कंपनियां लिस्ट हो रही हैं, कुछ बाहर हो रही हैं.'

बता दें कि BQ Prime इंडिया अपॉर्च्युनिटी समिट में कई और भी महत्‍वपूर्ण सेशन हुए. इनमें, कैपिटलाइजिंग ऑन कैपेक्स साइकिल, इन्‍वेस्टिंग इन मेगा ट्रेंड्स और मेंटल मॉडल फॉर टेकिंग लार्ज बेट्स जैसे विषयों पर भी मार्केट के दिग्‍गजों ने महत्‍वपूर्ण चर्चा की.