2023 में आने वाले IPO की संख्या चौथी सबसे ज्यादा, लेकिन जुटाया गया कुल फंड घटा

भारत में 2023 में IPO की संख्या चौथी सबसे ज्यादा रही है. भूराजनीतिक और वैल्युएशन की चिंताओं के बावजूद बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया.

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भारत में 2023 में IPO की संख्या चौथी सबसे ज्यादा रही है. जियो-पॉलिटिकल और वैल्यूएशन की चिंताओं के बावजूद बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया. ऐसे में कई कंपनियों ने भी बाजार में पैसे जुटाने की कोशिश की. हालांकि वैल्यू के हिसाब से देखें तो IPO की ओर से जुटाए गए पैसे में गिरावट आई.

2023 में कुल 58 मेनबोर्ड IPO आए

चित्तौड़गढ़ डॉट कॉम के डेटा के मुताबिक कैलेंडर 2023 में कुल 58 मेनबोर्ड IPO और स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज में 176 इश्यू आए हैं. ये 2021 में 63 के बाद सबसे ज्यादा हैं. 2007 में कुल 108 कंपनियों ने IPO के जरिए फंड जुटाया और करीब 66 कंपनियों ने 2010 में पब्लिक लिस्टिंग को चुना था.

1 नवंबर की EY रिपोर्ट के मुताबिक भारत साल में IPOs की संख्या के मामले में ग्लोबल लीडर के तौर पर सामने आया है. अकेले दिसंबर में 12 से ज्यादा कंपनियों ने 8,900 करोड़ रुपये जुटाए जो दो साल में सबसे अच्छा महीना है.

हालांकि कुल जुटाई गई राशि एक साल पहले के मुकाबले 17% गिरकर 49,400 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. क्योंकि एवरेज टिकट साइज छोटा था. हेलियस कैपिटल इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर दिनशॉ ईरानी ने कहा कि मौजूदा IPO वैल्युएशन काफी ज्यादा खींचे हुए लगते हैं. उन्होंने कहा कि परफॉर्मेंस में छोटी निराशा से भी इन शेयरों में बड़ा करेक्शन आ सकता है.

लिस्टेड कंपनियों ने करीब 40% का रिटर्न दिया

BSE IPO जो ऑफरिंग के बाद दो साल के लिए कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है, उसमें दिखा कि हाल ही में लिस्टेड कंपनियों ने 2023 में करीब 40% का रिटर्न दिया है. इसके मुकाबले 2022 में 29% का घाटा हुआ था. इंडेक्स तेजी के साथ 12,756.60 पर पहुंच गया जो दो साल की रिकॉर्ड ऊंचाई है.

पेंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट में मैनेजिंग डायरेक्टर महावीर लुनावत ने कहा कि 29 कंपनियां IPO के लिए रेगुलेटरी मंजूरी का इंतजार कर रही हैं. इसमें करीब 34,000 करोड़ रुपये की कम्युलेटिव फंडरेजिंग शामिल है. उन्होंने आगे कहा कि IPOs को लेकर उत्सुकता से बाजार की गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है.

छोटे साइज के इश्यू में सबसे ज्यादा डिमांड

छोटे साइज के इश्यू में सबसे ज्यादा डिमांड देखी गई है. प्लाजा वायर्ड लिमिटेड और मोतीसंस ज्वेलर्स लिमिटेड ने क्रमश: 71 करोड़ और 151 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इन IPO को 150 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब किया गया है. बड़े इश्यू में से टाटा टेक्नोलॉजीज की सबसे ज्यादा डिमांड रही. इसके बाद इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी और JSW इंफ्रास्ट्रक्चर का IPO आता है.

शेयरों की लिस्टिंग के बाद IREDA में अपने इश्यू प्राइस से सबसे ज्यादा 243.3% की तेजी देखी गई है. इसके बाद साइएंट DLM और नेटवेब टेक्नोलॉजीज इंडिया आते हैं.

वैश्विक स्तर पर IPO की स्थिति अच्छी नहीं है. वॉल्यूम में 8% और उससे मिलने वाली राशि में 33% की गिरावट देखी गई है. EY के ग्लोबल IPO लीडर जॉर्ड चैन ने एक रिपोर्ट में कहा कि जहां बहुत सी सरकारें IPO को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही हैं. वहीं ज्यादा ग्रोथ वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक्टिविटी खासतौर पर मजबूत है.

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कुल मिलाकर IPO के लिहाज से 2023 बहुत अच्छा रहा है. निवेशकों ने भी अच्छा पैसा बनाया है. यही नहीं मार्केट की हलचल को देखते हुए लगता है कि 2024 भी प्राइमरी मार्केट के लिए अच्छा रहेगा.