FIIs की भारी बिकवाली पर बोले जूलियस बेअर के मार्क मैथ्यूज- आगे आउटफ्लो की आशंका कम, इसके पीछे के कारण टिकाऊ नहीं

ग्लोबल फंड्स ने शुक्रवार को 1278 करोड़ रुपये और गुरुवार को 5,321 करोड़ रुपये के शेयर्स की बिक्री की. इस तरह बीते 38 सीजन में ये करीब 1.67 लाख करोड़ रुपये के शेयर्स बेच चुके हैं.

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भारत में ग्लोबल फंड्स ने हाल के दौर में रिकॉर्ड बिकवाली की है. इसकी बड़ी वजह चीन में नीतियों में बदलाव और डॉलर का मजबूत होना बताया रहा है. लेकिन वेल्थ मैनेजमेंट फर्म जूलियस बेअर के रिसर्च हेड, एशिया, मार्क मैथ्यूज का कहना है कि ये आउटफ्लो जल्द थम जाना चाहिए.

मैथ्यूज ने NDTV Profit से कहा कि 'चीन ने अपनी आर्थिक नीतियों में जो 180 डिग्री का टर्न लिया है और सितंबर से डॉलर की मजबूती के चलते FII भारतीय बाजार से बाहर निकल रहे हैं. जब डॉलर मजबूत हो रहा हो, तो एशियाई बाजारों में FPI का आकर्षित होना मुश्किल होता है.'

बता दें ग्लोबल फंड्स ने शुक्रवार को 1278 करोड़ रुपये और गुरुवार को 5,321 करोड़ रुपये के शेयर्स बेचे हैं. इस तरह बीते 38 सीजन में ये करीब 1.67 लाख करोड़ रुपये के शेयर्स ऑफलोड कर चुके हैं.

मैथ्यूज ने कहा, 'आमतौर पर डॉलर इंडेक्स मौजूद 107 के स्तर से ऊपर नहीं जाता है और ये ओवरवैल्यूड टेरिटरी में जा रहा है. चीन में भी अब अतिरिक्त प्रोत्साहन का वो असर नहीं होगा जो वैश्विक वित्तीय संकट के बाद देखा गया था. कोई भी इंक्रीमेंटल स्टिमुलस अब चीन में बहुत ज्यादा पैसा लेकर नहीं आएगा. कुल मिलाकर इन्हीं दोनों वजह से आउटफ्लो हो रहा था, अब मुझे नहीं लगता कि ये बरकरार रह पाएंगे.' हालांकि उन्होंने निवेशकों को सावधान रहने और अपने तर्क लगाने की सलाह दी.

कंपनियों की अर्निंग्स डाउनग्रेड से चिंता नहीं: मैथ्यूज

मैथ्यूज ने कहा कि उन्हें कंपनियों की अर्निंग्स के डाउनग्रेड की चिंता नहीं है. अच्छा है कि अब बाजार ने वापसी कर ली है. उन्होंने अर्निंग्स पर चिंतित ना होने की वजह बताते हुए कहा, 'आशावादी होने की वजह बेहतर सरकारी खर्च, रबी सीजन की अच्छी फसल और शादियों के सीजन के चलते उपभोक्ता खर्चा में इजाफा होगा.'

उन्होंने कहा कि अगले साल इकोनॉमिक ग्रोथ 6% और उससे अगले साल ये इससे बी ज्यादा होगी. इसका मतलब कि अर्निंग्स ग्रोथ डबल डिजिट में होनी चाहिए. वहीं जियोपॉलिटिकल तनाव पर मैथ्यूज ने कहा कि इससे वे चिंतित नहीं हैं. इनमें ट्रंप के सत्ता में आने पर सुधार हो जाएगा.

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