ग्लोबल मार्केट्स में कोहराम मचा हुआ है. भारतीय शेयर मार्केट समेत कई बाजारों का हाल बुरा है. मंदी की आशंका से अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट का असर सोमवार को एशियाई बाजारों पर बुरी तरह पड़ा. बाजारों में गिरावट के पीछे जापान की भी अहम भूमिका रही.
डाओ फ्यूचर्स में 0.75% और नैस्डेक फ्यूचर्स में 2.5% तक गिरावट देखी गई, वहीं सोमवार की सुबह GIFT निफ्टी में 350 अंकों की बड़ी गिरावट देखी गई.
जापान की बात करें तो निक्केई 2,000 अंकों से ज्यादा टूट चुका है, यानी करीब 6% नीचे है और चीन का बाजार शंघाई कंपोजिट करीब आधा परसेंट नीचे है.
दूसरी ओर हॉन्ग कॉन्ग का बाजार हैंग सेंग 1% नीचे है, जबकि कोरिया का बाजार कोस्पी 4.8% तक टूटा हुआ दिखा.
सोमवार को भारतीय बाजार भी बड़ी गिरावट के साथ खुले. रुपया भी कमजोरी के साथ रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला.
आइए समझने की कोशिश करते हैं कि बाजार में आखिर क्यों मचा कोहराम.
1). नो-रेट कट और निगेटिव जॉब डेटा
US फेड ने जुलाई की पॉलिसी मीटिंग में दरों को बरकरार रखा, उसमें कटौती नहीं की. अब बाजार को ये लगता है कि अमेरिका मंदी की चपेट में आ रहा है, इसलिए फेड को जुलाई में ब्याज दरों में कटौती कर देनी चाहिए थी, सिंतबर तक काफी देर हो जाएगी. कई एनालिस्ट्स ये मान रहे हैं कि अगर बाजार को संभालना है तो इस साल कम से कम 0.75% का रेट कट आना चाहिए.
अमेरिका के बेरोजगारी दर के आंकड़े उम्मीद से बेहद खराब है. जुलाई में बेरोजगारी दर 4.3% रही है, जो कि 3 साल की सबसे ऊंची दर है.
अमेरिका में लगातार चौथे महीने बेरोजगारी दर बढ़ी है, जून में बेरोजगारी दर 4.1% रही थी, अनुमान यही था कि बेरोजगारी दर जुलाई में नहीं बढ़ेगी.
दूसरी तरफ, नई नौकरियां भी उम्मीद से कम पैदा हुई हैं, उम्मीद थी कि इस बार 1.84 लाख नौकरियां बनेंगी, लेकिन बनी सिर्फ 1.14 लाख. यानी अमेरिका में नौकरियां नहीं हैं.
2). जापान ने बढ़ा दी ब्याज दरें
जापान ने ब्याज दरों में 0.25% बढ़ाेतरी कर आग में घी डालने का काम किया, इससे सेंटीमेंट्स बुरी तरह हिल चुके हैं. एनालिस्ट्स मान रहे हैं कि जापान ने ब्याज दरें बढ़ाने में थोड़ी जल्दबाजी कर दी है.
जापान का बाजार निक्केई अब तकनीकी रूप से Bear मार्केट में आ चुका है. 11 जुलाई को निक्केई ने नया हाई बनाया था, वहां से ये अबतक 20% टूट चुका है. इसकी वजह से पूरे एशिया पर दबाव देखने को मिल रहा है.
3). कैरी ट्रेड के चलते येन में तेजी
येन में उछाल से बाजारों में हड़कंप मच गया है क्योंकि येन कैरी ट्रेड निवेशकों को अपनी पोजीशन बेचने पर मजबूर कर रहा है, क्योंकि पिछले सप्ताह बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरें बढ़ा दी है.
इमर्जिंग मार्केट्स में ट्रेडर्स के कैरी ट्रेड के चलते जापानी करेंसी येन (Yen) में तेजी देखी गई है. एशियन ट्रेडिंग में डॉलर के मुकाबले पेसो में 2% तक की गिरावट आई, जिससे लगातार तीसरे दिन भी गिरावट जारी रही.
ये गिरावट तब आई जब येन में 0.8% तक की तेजी आई जबकि चीन की करेंसी युआन (Yuan) में भी मजबूती आई, ये दोनों करेंसी कैरी ट्रेड को फंड करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं.
फंडिंग करेंसीज में अचानक उछाल ने लोकप्रिय कैरी स्ट्रैटेजी को नुकसान पहुंचाया है, जिसमें आमतौर पर ट्रेडर्स विकसित बाजारों में कम दरों पर उधार लेते हैं ताकि उभरते देशों में हाई-यील्ड वाले एसेट्स में निवेश कर सकें.
4). कमजोर नतीजों ने भी बिगाड़ा सेंटिमेंट
अमेरिकी बाजार में कंपनियों के बुरे नतीजों का भी असर पड़ा. ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन के तिमाही नतीजों के बाद 8.8% गिरावट देखी गई थी. वहीं कमजोर गाइडेंस और कर्मचारियों की छंटनी के ऐलान के बाद इंटेल के शेयर भी टूट गए. एनवीडिया के शेयरों में भी गुरुवार को करीब 6% और फिर शुक्रवार को करीब 2% की गिरावट देखी गई. इन नकारात्मक खबरों को भी मार्केट ने निगेटिवली लिया.
5). मिडिल-ईस्ट में बढ़ा तनाव
इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के चलते मिडिल-ईस्ट में तनाव पहले से ही बढ़ा हुआ था, जबकि हमास चीफ की मौत के बाद तनाव काफी बढ़ गया है. इसका बाजार पर बुरा असर पड़ा है. क्रूड 8 महीने के निचले स्तर पर चला गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान ने खुले तौर पर इजरायल के खिलाफ हमले का ऐलान कर दिया है. ऐसे में जियो-पॉलिटिकल रिस्क बढ़ने से भी माहौल काफी बिगड़ा हुआ है.