NDTV Profit की खबर का असर: SEBI का LS इंडस्ट्रीज पर एक्शन, कंपनी के वैल्युएशन को घोटाला बताया, शेयर बाजार में ट्रेड पर लगाई रोक

रेगुलेटर ने जांच में पाया था कि कंपनी में संदेहास्पद ट्रेडिंग पैटर्न पाए गए हैं. उसके डिस्कलोजर में भी गड़बड़ी पाई गई है.

Source: NDTV Profit

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने मंगलवार को LS इंडस्ट्रीज, उसकी प्रोमोटर कंपनी प्रोफाउंड फाइनेंस और चार अन्य इंटिटीज को शेयर बाजार से बैन कर दिया.

मार्केट रेगुलेटर ने ये एक्शन शेयर की कीमतों में हेरफेर (Stock Price Manipulation) के चलते किया है. रेगुलेटर ने सबसे पहले 3 फरवरी को NDTV Profit की वेबसाइट पर छपे आर्टिकल को देखा जिसमें सवाल उठाए गए थे कि करीब नहीं के बराबर रेवेन्यू वाली कंपनी की वैल्युएशन 5,500 करोड़ रुपये कैसे हो सकती है.

इसके बाद रेगुलेटर ने जांच में पाया था कि कंपनी में संदेहास्पद ट्रेडिंग पैटर्न है. उसके डिस्कलोजर में भी गड़बड़ी पाई गई है.

कंपनी के शेयर में कैसे आई बंपर तेजी?

LS इंडस्ट्रीज के शेयरों में असामान्य तौर पर ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला. रेगुलेटर ने पाया कि कंपनी के शेयर की कीमत 23 जुलाई 2024 के बाद सिर्फ दो महीनों में 22.50 रुपये/ शेयर से बढ़कर 267.50 रुपये पर पहुंच गई है. इसमें 1,089% की बढ़ोतरी आई. हालांकि नवंबर में ये गिरकर 42.39 रुपये पर पहुंच गई.

इसके बाद दिसंबर 2024 में ये दोबारा बढ़कर 136.87 रुपये पर पहुंच गई. फरवरी 2025 में ये 67.95 रुपये पर सेटल हो गई थी. SEBI ने पाया कि इसके पीछे ट्रेडर्स का पूरा ग्रुप था. इसमें मल्टीप्लायर शेयर एंड स्टॉक एडवाइजर्स, सेतु सिक्योरिटीज, परेश धीरजलाल शाह और रूचिरा गोयल थे. उन्होंने शेयर की कीमतें बढ़ाने के लिए बड़े ऑर्डर किए, जिससे शेयर टूटा और लोअर सर्किट लगे.

कंपनी ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

NDTV Profit ने LS इंडस्ट्रीज, उसके प्रोमोटर और ऑडिटर से भी मामले पर प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया. हालांकि इस रिपोर्ट को पब्लिश करने के समय उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

रेगुलेटर ने ये भी पाया कि कंपनी ने कई बड़े ऐलान किए, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रॉबिटिक्स में प्रवेश करना, विदेशी डायरेक्टर्स को नियुक्त करना, दुबई सब्सिडियरी लाना और रोबोशेफ इंडिया प्राइवेट का अधिग्रहण करना. रोबोशेफ के डायरेक्टर्स कंपनी के शेयरों में तब ट्रेडिंग करते पाए गए, जब कीमत ज्यादा बनी हुई थी.

SEBI के होल टाइम मेंबर अश्विनी भाटिया ने विस्तृत आदेश में जिक्र किया कि मामले में तेजी से जांच की जाएगी और ये 15 मार्च 2025 तक पूरी होगी. रेगुलेटर को 1.14 करोड़ रुपये की राशि गैर-कानूनी लाभ के तौर पर भी मिली.

भाटिया ने आदेश में कहा कि इसके साथ मैं निवेशकों को सतर्क भी करना चाहूंगा. ये पाया गया है कि कई बार निवेशक किसी सावधानी के बिना ट्रेड करते हैं.

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