कैसी रही निफ्टी की मार्च तिमाही? नतीजों में किन शेयरों, सेक्टरों का कैसा रहा परफॉर्मेंस?

NDTV Profit की रिसर्च के मुताबिक, इसी दौरान कुछ एकमुश्त घाटे की वजह से कई कंपनियों के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे.

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मार्च तिमाही में निफ्टी इंडेक्स का परफॉर्मेंस शानदार रहा. FY24 के आखिर में निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. NDTV Profit की रिसर्च के मुताबिक, इसी दौरान कुछ एकमुश्त घाटे की वजह से कई कंपनियों के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे.

सालाना आधार पर निफ्टी 50 इंडेक्स में 28% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. 20 कंपनियों के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे जबकि 9 के अनुमान से कमजोर रहे.

नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों के मुनाफे में सालाना आधार पर 8.6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. वहीं, सभी निफ्टी 50 कंपनियों को मिला दें, तो मुनाफे में 7% की तेजी दर्ज की गई.

21 के नतीजे अनुमान से बेहतर रहे. 10 को एकमुश्त फायदा भी मिला था. जैसे कि अन्य आय से मुनाफा हुआ. बाकी सभी के मुनाफे में सुधार नजर आया.

जिन कंपनियों के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे, उन 8 में से 3 की ऑपरेशनल क्षमता कम हुई है.

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अनुमान से बेहतर प्रदर्शन

6 में से 3 ऑटो कंपनियों ने इंडेक्स से बेहतर परफॉर्म किया. सभी कंपनियों को मिला दें, तो इसमें सालाना आधार पर मुनाफे में 113.5% की बढ़ोतरी नजर आई, जो किसी भी सेक्टर के मुकाबले सबसे बढ़िया प्रदर्शन है.

टेलीकॉम, जिसमें भारती एयरटेल शामिल है, ने सेक्टोरल आधार पर सबसे कमजोर प्रदर्शन किया.

एशिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर, टाटा मोटर्स ने इस तिमाही सबसे ज्यादा कमाई की. मुनाफे में कंपनी को 3 गुना उछाल देखने को मिला, जो बढ़कर 17,529 करोड़ रुपये हो गया. इसमें कंपनी के लिए डिफर्ट टैक्स गेन में 9,480 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.

बजाज ऑटो का मुनाफा 35% बढ़ा. इसकी 2-व्हीलर बिक्री में 32% की तेजी रही.

महिंद्रा एंड महिंद्रा का मुनाफा 31% बढ़ा. इसमें SUVs की भारी बिक्री शामिल है.

डॉक्टर रेड्डीज का मुनाफा 36% बढ़ा. जबकि एनालिस्ट्स ने 26% का अनुमान जताया था. दौलत कैपिटल के मुताबिक, इस मुनाफे की एक बड़ी वजह कम टैक्स रेट भी है.

सरकारी पावर कंपनी NTPC का मुनाफा सालाना आधार पर 33% बढ़ा, जबकि अनुमान 20% का जताया गया था. एक्सिस सिक्योरिटीज की मानें, तो इस तेजी में बढ़ती अन्य आय शामिल है.

टेक कंपनी इंफोसिस का मुनाफा 30% बढ़ा. इसमें 1,914 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिफंड शामिल रहा.

कोल इंडिया ने अपने अकाउंटिंग के तरीके में बदलाव किया और उसे 25% का मुनाफा हुआ.

ग्रासिम इंडस्ट्रीज के मुनाफे में 36% की बढ़ोतरी देखने को मिली. टैक्स राइट-बैक और सब्सिडियरी के राइट ऑफ से ये तेजी देखने को मिली.

फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में, कोटक महिंद्रा बैंक और SBI को अन्य आय में बढ़ोतरी के चलते नतीजे अनुमान से बेहतर मिले.

अनुमान से कमजोर नतीजे

भारती एयरटेल को 2,455.5 करोड़ रुपये का एकमुश्त घाटा हुआ. नाइजीरिया की करेंसी नाइरा में गिरावट के चलते कंपनी को इतने बड़े स्तर का घाटा देखने को मिला.

HDFC बैंक का मुनाफा सपाट रहा. इसमें 10,900 करोड़ रुपये के प्रोविजन भी शामिल हैं. हालांकि, 7,341 करोड़ रुपये का एकमुश्त मुनाफा भी है, जिसमें कंपनी ने HDFC क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज को बेचा था.

JSW स्टील के नतीजे अनुमान के मुताबिक नहीं रहे. इसमें भारी टैक्स एक बड़ी वजह रही. बीते साल के मुकाबले JSW स्टील का मुनाफा 65% कम रहा.

नेस्ले इंडिया को 107.3 करोड़ रुपया का एकमुश्त घाटा हुआ.

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को एक्सप्शनल आइटम की वजह से मुनाफे में 216 करोड़ रुपये की कमी हुई. जिसके चलते बीते साल के मुकाबले मुनाफे में 22% की कमी नजर आई.

टाटा स्टील के मुनाफे में 65% की गिरावट देखने को मिली. कंपनी ने ओडिशा के सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक के लिए 598 करोड़ रुपये सरेंडर किए. इसके साथ ही कंपनी ने यूरोपियन ऑपरेशंस की स्ट्रक्चरिंग पर भी खर्च किया है.

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