प्रमोटर्स पर SEBI की कार्रवाई से कारोबार पर कोई असर नहीं होगा: पतंजलि

SEBI की कार्रवाई को गलत बताते हुए पतंजलि फूड्स ने कहा कि कंपनी इसके कंप्लायंस पर काम कर रही है. कंपनी ने प्रमोटर्स से भी बात की है.

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स्टॉक एक्सचेंजों NSE, BSE का कंपनी के प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग फ्रीज करने के फैसले का कंपनी के कामकाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

पतंजलि फूड्स ने कहा कि कंपनी इसके कंप्लायंस पर काम कर रही है. कंपनी ने प्रमोटर्स से भी बात की है. पतंजलि ने अपने बयान में कहा कि स्टॉक एक्सचेंजों के इस एक्शन से कंपनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. साथ ही, कंपनी ने बताया कि प्रमोटर समय के साथ न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.

बुधवार को एक्सचेंज फाइलिंग में, कंपनी ने कहा कि BSE और NSE से 14 मार्च को 21 प्रमोटर ग्रुप के 80.82% फ्रीजिंग शेयरों के बारे में ई-मेल मिले थे. 39.4% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े प्रमोटर शेयरहोल्डर पतंजलि आयुर्वेद और आचार्य बालकृष्ण उन प्रमोटरों में शामिल हैं जिनकी होल्डिंग फ्रीज कर दी गई. स्टॉक एक्सचेंजों ने 15 मार्च को पतंजलि फूड्स के प्रमोटर्स ग्रुप के 292.58 मिलियन शेयरों को फ्रीज कर दिया था.

21 प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग फ्रीज

पतंजलि के जिन 21 प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग एक्सचेंज ने फ्रीज की है, उनमें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पतंजलि परिवहन प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि रिन्यूएबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और पतंजलि एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.

क्या है SEBI का नियम

SEBI के प्रोविजन के मुताबिक किसी भी लिस्टेड कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग कम-से-कम 25% होनी चाहिए. लेकिन, रिपोर्ट्स के मुताबिक पतंजलि फूड्स में पब्लिक शेयरहोल्डिंग अभी 19.18% है. साथ ही सेबी के नियमों के मुताबिक अगर पब्लिक शेयरहोल्डिंग 10% के नीचे गिर जाती है तो इसे 18 महीने के अंदर कम से कम 10% बढ़ाना होगा.

आपको बता दें, पतंजलि फूड्स को पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज (Ruchi Soya Industries) के नाम से जाना जाता था, दिसंबर 2017 में NCLAT ने इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू की थी. जुलाई 2019 में ट्रिब्यूनल ने पंतजलि आयुर्वेद के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी. रिजॉल्यूशन प्लान को लागू होने के बाद कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग घटकर 1.1% रह गई थी.