चाहे राजनीति हो या फिर शेयर बाजार, इन दिनों राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की चांदी है. हाल ही में राहुल गांधी ने एग्जिट पोल के बाद जिस शेयर बाजार में स्कैम का हवाला दिया है, उसी शेयर बाजार ने एग्जिट पोल के बाद से अब तक राहुल गांधी के पोर्टफोलियो को करीब 6% का शानदार रिटर्न दिया है.
31 मई को बाजार बंद होते वक्त BSE में लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 412 लाख करोड़ रुपये था. 1 और 2 जून को शेयर बाजार में छुट्टी थी. इसी दौरान एग्जिट पोल आए, जिसमें लगभग सभी NDA को 350 के करीब सीट देते नजर आ रहे थे. इसी के चलते, 3 जून को बाजार ने नया रिकॉर्ड हाई बनाया और BSE में लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 425 लाख करोड़ रुपये हो गया.
4 जून को नतीजे अनुमान के उलट आए, बाजार ने गोता लगाया. निवेशकों के करीब 31 लाख करोड़ रुपये डूबे और ओवरऑल मार्केट कैप 394 लाख करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, 5, 6 और 7 जून की रिकवरी के बाद BSE में लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 423 लाख करोड़ रुपये हो गया.
राहुल गांधी के शेयरों पर असर!
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उनके पास करीब 2 दर्जन शेयर हैं. इसमें एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HUL), नेस्ले, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और ITC जैसे नामी गिरामी शेयर भी हैं.
31 मई को राहुल गांधी के पोर्टफोलियो की ओवरऑल वैल्यू 4.08 करोड़ रुपये थी. और 7 जून को बाजार बंद होने के बाद राहुल गांधी के पोर्टफोलियो की ओवरऑल वैल्यू बढ़कर 4.31 करोड़ रुपये हो गई. मतलब महज 5 ट्रेडिंग सेशन में 23 लाख रुपये का इजाफा. यानी पोर्टफोलियो में 5.72% का उछाल.
किन शेयरों में रहा सबसे ज्यादा उछाल?
राहुल गांधी के शेयर गारवेयर टेक्निकल फाइबर्स लिमिटेड में आया है. 31 मई को शेयर की कीमत 3,469.55 रुपये थी, जो 7 जून को 4,062.80 रुपये हो गई. मतलब 5 दिन में 17.1% का उछाल. इसके बाद HUL 10.6% उछला. हालांकि, वर्टोज एडवरटाइजिंग में करीब 7% की गिरावट रही.