मार्केट रेगुलेटर SEBI की बैठक में कई अहम फैसले हुए, मगर जिस फैसले का बाजार को सबसे ज्यादा इंतजार था, वो नहीं हुआ. SEBI ने म्यूचुअल फंड्स, अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स, FPI, T+0 सहित कई मुद्दों पर बड़े फैसले लिए, मगर F&O कारोबार के नियमों को सख्त करने पर कोई फैसला नहीं हुआ. पिछले दिनों SEBI की रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि F&O में 93% निवेशकों को नुकसान होता है. इस रिपोर्ट में दो साल के कारोबार की स्टडी थी. बाजार को उम्मीद थी कि बोर्ड बैठक में SEBI वायदा कारोबार को सख्त करने के नियम बनाएगा, जिससे छोटे निवेशकों को नुकसान से बचाया जा सके. मगर ऐसा नहीं हुआ.
SEBI बोर्ड के बड़े फैसले
म्यूचुअल फंड्स के लिए..
म्यूचुअल फंड्स में नए इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट, एसेट क्लास के लिए नियम बनाए गए
इंडेक्स फंड्स जैसे पैसिवली मैनेज्ड स्कीम्स के लिए म्यूचुअल फंड्स लाइट फ्रेमवर्क बनाया गया
अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट & FPI
AIF निवेशकों को समान अधिकार
विदेशी डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स (ODIs) के लिए FPIs के नियम लागू होंगे
T+0 का दायरा बढ़ाया जाएगा
T+0 सेटलमेंट का दायरा 25 स्टॉक्स से बढ़ाकर 500 शेयर किया जाएगा
सभी ब्रोकर्स T+0 की सुविधा दे सकेंगे और फीस चार्ज कर सकेंगे.
FPIs और म्यूचुअल फंड्स भी कर सकेंगे T+0 सेटलमेंट का इस्तेमाल
T+0 के लिए सुबह 8:45-9:00 तक एक ब्लॉक डील विंडो रखी जाएगी
राइट्स इश्यू का समय घटाया गया
बोर्ड के फैसले के बाद 23 दिन में ये प्रक्रिया पूरी करनी होगी
पहले ये अवधि 317 दिनों की थी
Source: SEBI release
F&O पर फैसला नहीं
F&O कारोबार पर नियमों को सख्त करने पर कोई फैसला नहीं हुआ
छोटे ट्रेडरों पर SEBI की रिपोर्ट के बाद सख्त फैसले की उम्मीद थी
इस रिपोर्ट में SEBI ने माना था कि F&O में 93% निवेशकों को नुकसान हुआ था
बाजार को उम्मीद थी कि बोर्ड बैठक में SEBI वायदा कारोबार को सख्त करने के नियम बनाएगा, जिससे छोटे निवेशकों को नुकसान से बचाया जा सके.