SEBI ने रखा इनसाइडर ट्रेडिंग और डिस्‍क्‍लोजर नियमों में बदलाव का प्रस्‍ताव, 30 नवंबर तक दे सकते हैं सुझाव

कंपनी को इनफोर्समेंट अथॉरिटी या ज्‍यूडिशियल बॉडी की ओर से किसी भी प्रमुख कर्मी के खिलाफ शुरू की गई किसी भी कार्रवाई का खुलासा करना जरूरी होगा.

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शेयर मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इनसाइडर ट्रेडिंग और डिस्‍क्‍लोजर से जुड़े रेगुलेशंस में संशोधन का प्रस्‍ताव रखा है. इनसाइडर ट्रेडिंग रेगुलेशंस से जुड़े निषेध (Prohibition) के तहत अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचना (Unpublished Price Sensitive Information) की परिभाषा की समीक्षा का प्रस्ताव रखा गया है. इकोसिस्‍टम में अनुपालन की ज्‍यादा स्‍पष्‍टता और एकरूपता लाने के लिए ऐसा किया गया है.

मार्केट रेगुलेटर ने 9 नवंबर को इससे जुड़ा कंसल्‍टेशन पेपर जारी किया है, जिस पर सुझावों और टिप्पणियों के लिए 30 नवंबर तक का समय है. इन प्रस्तावों में एसेट मैनेजमेंट कंपनी के बारे में प्रासंगिक बदलावों और सूचनाओं के ठीक से डिस्‍क्‍लोजर की बात कही गई है. इनसाइडर ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने के इरादे से समीक्षा और प्रस्ताव किए गए हैं. 

क्‍या हैं प्रस्‍तावित बदलाव?

SEBI ने जो बदलाव प्रस्तावित किए हैं, उनका उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि AMC के कामकाज का जनता के सामने बेहतर तरीके से खुलासा हो. SEBI के कंसल्‍टेशन पेपर के अनुसार, 

  • प्रासंगिक प्रस्तावों में से एक इस बारे में है कि कंपनी के मैनेजमेंट और कंट्रोलिंग को प्रभावित करने वाले समझौतों, चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाए, उनका डिस्‍क्‍लोजर हो. 

  • कंपनी को इनफोर्समेंट अथॉरिटी या ज्‍यूडिशियल बॉडी की ओर से किसी भी प्रमुख कर्मी के खिलाफ शुरू की गई किसी भी कार्रवाई का खुलासा करना जरूरी होगा. साथ ही कर्मियों में बदलाव, नई नियुक्तियों जैसे मैनेजमेंट डिटेल्‍स के खुलासा का भी प्रस्‍ताव है.  

  • प्रस्ताव के अनुसार, लिस्‍टेड कंपनी, इकाई के बारे में किसी भी धोखाधड़ी या चूक के अलावा प्रमुख प्रबंधकीय अधिकारियों या अन्य कर्मियों की गिरफ्तारी का खुलासा किया जाना जरूरी होगा. 

  • प्रस्तावित बदलावों में कैपिटल स्‍ट्रक्‍चर में किसी भी बदलाव का खुलासा करना भी शामिल है. बोर्ड मीटिंग से कुछ निश्चित जानकारी 30 मिनट के भीतर स्टॉक एक्सचेंज को बताया जाना जरूरी होगा. 

  • आंतरिक रूप से प्रस्तावित किसी भी तरह के समझौते और तीसरे पक्ष के साथ किए गए समझौतों का खुलासा किया जाना भी इसमें प्रस्तावित है. 

  • इन बदलावों के अलावा कुछ अन्य प्रस्ताव भी दिए गए हैं, जैसे कर्जों का निपटान, दिवालियापन की अस्वीकृति या स्वीकृति, विवादों का परिणाम और लाइसेंस की स्थिति वगैरह. 

AMC के कामकाज के विभिन्न पहलुओं में बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, जिसमें प्रमुख कर्मियों में बदलाव, प्रशासनिक या संरचनात्मक बदलाव और AMC के खिलाफ की गई कार्रवाई की कोई भी रिपोर्ट शामिल है.

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