शेयर बाजार के छोटे निवेशकों को तोहफा! SEBI ने बेसिक डीमैट अकाउंट की लिमिट बढ़ाई

BSDA को मार्केट रेगुलेटर ने साल 2012 में लॉन्च किया था, ये स्टैंडर्ड डीमैट अकाउंट का एक सरल फॉर्मेट है, इसका मकसद था कि छोटे-छोटे निवेशकों के पोर्टफोलियो पर लगने वाले डीमैट चार्जेस को कम करना

Source: Reuters

शेयर बाजार में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने और उन पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI ने बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट (BSDA) में न्यूनतम राशि की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है. नई लिमिट 1 सितंबर, 2024 से लागू होगी.

बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट की लिमिट बढ़ी

SEBI का ये फैसला कई मायनों में काफी अहम है, इस कदम से बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (BSDA) में रखी जानी वाली वैल्यू की सीमा बढ़ाने से छोटे निवेशकों का शेयर बाजार की ओर रुझान बढ़ेगा, उनकी वित्तीय पहुंच बढ़ेगी.

SEBI के नए नियमों के मुताबिक -

  • BDSA में पोर्टफोलियो की वैल्यू अगर 4 लाख रुपये तक है, तो सालाना मेंटेनेंस चार्ज जीरो होगा, 4 लाख से 10 लाख रुपये के बीच सिर्फ 100 रुपये का सालाना चार्ज लगेगा.

  • अगर पोर्टफोलियो की वैल्यू 10 लाख रुपये से ज्यादा होती है तो BDSA अकाउंट अपने आप ही रेगुलेटर डीमैट अकाउंट में तब्दील हो जाएगा.

  • BDSA अकाउंट होल्डर्स को इलेक्ट्रॉनिक स्टेटमेंट के लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा, फिजिकल स्टेटमेंट के लिए 25 रुपये/स्टेटमेंट देने होंगे.

  • सर्कुलर के मुताबिक डिपॉजिटिरी पार्टिसिपेंट्स (DPs) पात्र अकाउंट्स के लिए केवल BSDA खोलेंगे, जबतक कि अकाउंटहोल्डर ई-मेल के जरिए रेगुलर अकाउंट का विकल्प नहीं चुनता

  • DPs को दो महीने के भीतर मौजूदा पात्र डीमैट खातों की समीक्षा करनी होगी और उन्हें BSDA में तब्दली करना होगा, जब तक कि अकाउंडहोल्डर ई-मेल के जरिए अपना रेगुलर डीमैट अकाउंट रखने का विकल्प नहीं चुनता.

  • ये रिव्यू हर बिलिंग साइकल के अंत में जारी रहेगी.

BSDA अकाउंट कौन खोल सकता है?

BSDA को मार्केट रेगुलेटर ने साल 2012 में लॉन्च किया था, ये स्टैंडर्ड डीमैट अकाउंट का एक सरल फॉर्मेट है, इसका मकसद था कि छोटे-छोटे निवेशकों के पोर्टफोलियो पर लगने वाले डीमैट चार्जेस को कम करना. सामान्य तौर पर डीमैट अकाउंट्स पर कई तरह के चार्जेस लगते हैं.

अब कौन बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (BSDA) खोल सकता है और कौन नहीं, इसके लिए SEBI के नियम भी तय है. रिटेल निवेशकों को इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है. निवेशक के पास केवल एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए, उसके पास उसके नाम पर सभी डिपॉजिटरीज में केवल BSDA होना चाहिए, जिसमें 10 लाख रुपये से कम की सिक्योरिटीज या शेयर होने चाहिए, जिसमें डेट और नॉन-डेट दोनों ही शामिल हैं.

इसके पहले BSDA की योग्यता के लिए एक इंडिविजुअल के सिंगल डीमैट अकाउंट में 2 लाख रुपये की डेट सिक्योरिटीज हो सकती थी.