मार्केट रेगुलेटर SEBI की एक ताजा स्टडी के मुताबिक, F&O ट्रेडिंग करने वाले 100 में से 93 रिटेल इन्वेस्टर्स को मार्केट से नुकसान झेलना पड़ता है. इसी नुकसान से बचाने के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI अक्सर रिटेल निवेशकों को समय-समय पर आगाह करता रहा है.
इससे पहले जुलाई में SEBI ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उसने बताया था कि F&O में 89% ट्रेडर्स पैसे गंवाते हैं, वहीं अब ताजा स्टडी में इसने बताया है कि F&O में पैसा गंवाने वाले इन्वेस्टर्स की संख्या बढ़कर 93% हो गई है.
SEBI की नई रिपोर्ट में क्या सामने आया?
FY22 और FY24 के दौरान 93% इंडिविजुअल ट्रेडर्स को इक्विटी F&O में घाटा हुआ
इंडिविजुअल ट्रेडर्स को तीन वर्षों में कुल घाटा बढ़कर 1.8 लाख करोड़ से ज्यादा हुआ
इक्विटी F&O सेगमेंट में 10 में से 9 इंडिविजुअल ट्रेडर्स को लगातार नुकसान हो रहा है
FY2022-24 तक 93% ट्रेडर्स को 2 लाख रुपये/व्यक्ति का औसत नुकसान
4 लाख ट्रेडर्स को FY22-24 तक 28 लाख रुपये/व्यक्ति का औसत नुकसान
सिर्फ 1% ट्रेडर्स ही FY22-24 तक 1 लाख से ज्यादा लाभ कमाने में सफल रहे
3 साल में घाटा 1.8 लाख करोड़+
SEBI की अपडेटेड स्टडी से पता चलता है कि इक्विटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में 10 में से 9 से ज्यादा इंडिविजुअल ट्रेडर्स को लगातार बड़ा घाटा हो रहा है. FY22 और FY24 के बीच तीन साल के दौरान इंडिविजुअल ट्रेडर्स का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. ये स्टडी जनवरी 2023 में SEBI की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के आगे की स्टडी है, जिसमें पाया गया था कि FY 22 में 89% इंडिविजुअल इक्विटी F&O ट्रेडर्स को घाटा हुआ.
मुख्य बातें :
1. इंडिविजुअल ट्रेडर के बीच हाई लॉस रेट
1 करोड़ से अधिक इंडिविजुअल F&O ट्रेडर्स में से 93% ने वित्त वर्ष 22 से 24 तक प्रति ट्रेडर लगभग ₹2 लाख का औसत घाटा उठाया (लेनदेन लागत सहित)
घाटे में रहने वाले शीर्ष 3.5%, लगभग 4 लाख ट्रेडर्स को इसी अवधि में प्रति व्यक्ति औसतन ₹28 लाख का घाटा हुआ, जिसमें लेन-देन लागत शामिल है.
लेन-देन लागत एडजस्ट करने के बाद केवल 1% इंडिविजुअल ट्रेडर ₹1 लाख से अधिक का मुनाफा कमाने में सफल रहे.
2. प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स और FPI के बीच प्रॉफिट डिस्ट्रीब्यूशन
इंडिविजुअल ट्रेडर्स की तुलना में, प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने वित्त वर्ष 24 में (लेन-देन लागतों को शामिल करने से पहले) ₹33,000 करोड़ और ₹28,000 करोड़ का ग्रॉस ट्रेडिंग प्रॉफिट दर्ज किया है. इसके विपरीत, इंडिविजुअल ट्रेडर्स और अन्य लोगों को FY24 में ₹61,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ (लेनदेन लागतों को शामिल करने से पहले).
अधिकांश लाभ बड़ी एंटिटी ने जनरेट किया है इसमें ट्रेडिंग एल्गोरिदम का उपयोग किया था, जिसमें 97% FPI प्रॉफिट और 96% प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स प्रॉफिट एल्गोरिदम ट्रेडिंग से आए थे.
3. इंडिविजुअल ट्रेडर्स के लिए ट्रांजैक्शन कॉस्ट
औसतन, इंडिविजुअल ट्रेडर्स ने FY24 में F&O ट्रांजैक्शन कॉस्ट पर प्रति व्यक्ति ₹26,000 खर्च किए.
FY22 से FY24 तक की तीन साल की अवधि में, इंडिविजुअल ट्रेडर ने सामूहिक रूप से ट्रांजैक्शन कॉस्ट पर लगभग ₹50,000 करोड़ खर्च किए, जिनमें से 51% लागत ब्रोकरेज फीस और 20% एक्सचेंज फीस थी.
4. यंग एंड B30 सिटी ट्रेडर्स की बढ़ती भागीदारी:
F&O सेगमेंट में युवा ट्रेडर्स (30 वर्ष से कम) का प्रोपोरशन FY23 में 31% से बढ़कर FY24 में 43% हो गया है.
टॉप 30 (B30) शहरों से परे के इंडिविजुअल ने कुल F&O ट्रेडर बेस का 72% से अधिक हिस्सा बनाया, जो म्यूचुअल फंड निवेशकों की तुलना में अधिक प्रोपोरशन में है. इनमें से 62% B30 शहरों से हैं. (B30 यानी 'Beyond 30' देश के टॉप 30 शहरों के छोड़कर बाकी सारे शहर)
5. ट्रेडर्स की इनकम प्रोफाइल:
FY24 में 75% से अधिक इंडिविजुअल F&O ट्रेडर्स ने ₹5 लाख से कम की सालाना आय घोषित की थी.
6. ट्रेडिंग बिहेवियर:
लगातार वर्षों से घाटे के बावजूद 75% से अधिक ट्रेडर्स ने F&O में ट्रेडिंग जारी रखी.