स्विगी के स्टॉक मार्केट में एंट्री करते ही इसके मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों में से करीब 500 'करोड़पति क्लब' में शामिल हो गए हैं. मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक, लिस्टिंग के बाद कर्मचारी कोटे के तहत 5,000 मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को आवंटित ESOPs की वैल्यू 9,000 करोड़ रुपये है. स्विगी ने IPO के लिए अपना प्राइस बैंड 371-390 रुपये/शेयर तय किया था.
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, 'ESOP (Employee Stock Option Plan) पूल करीब 9,000 करोड़ रुपये का है. पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों को मिलाकर 5,000 लोगों के पास इसकी होल्डिंग है. शुरुआती शेयर प्राइस में अपर प्राइस रेंज (390 रुपये) के हिसाब से 5,000 में से 500 कर्मचारी करोड़पति बनने के लिए तैयार हैं.'
बुधवार को स्विगी का शेयर NSE पर 390 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले करीब 8% प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ था. कंपनी का शेयर 7.69% चढ़कर 420 रुपये पर पहुंच गया था. वही BSE पर कंपनी का शेयर इश्यू प्राइस से 5.64% के उछाल के साथ 412 रुपये पर लिस्ट हुआ. बाद में ये 7.67% बढ़कर 419.95 रुपये पर पहुंच गया.
शुरुआती कारोबार के दौरान कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन 89,549.08 करोड़ रुपये रहा. स्विगी का 11,327 करोड़ रुपये का IPO शुक्रवार को अंतिम दिन पूरी तरह से सब्सक्राइब हुआ.
फंड कहां उपयोग करेगी स्विगी?
कंपनी के IPO में 6,828 करोड़ रुपये का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) और 4,499 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू था. ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक, कंपनी टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रा में निवेश के लिए नए इश्यू से मिले पैसों का उपयोग करने की योजना बना रही है. ब्रैंड मार्केटिंग और बिजनेस प्रोमोशन, कर्ज को चुकाने और सामान्य कॉरपोरेट खर्चों के लिए पैसों का उपयोग किया जाएगा.