ब्याज दरें बढ़ने की आशंका के चलते अमेरिकी बाजारों में एक घबराहट सी फैल गई है, जिसकी वजह से अमेरिकी बाजारों में बुधवार को चौतरफा बिकवाली देखने को मिली, ये डर सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित नहीं है, एशियाई बाजारों में भी इसका असर पसर चुका है, जितने भी एशियाई बाजार खुले हैं, वो गिरावट के साथ ही ट्रेड कर रहे हैं. अमेरिकी डॉलर इंडेक्स एक बार फिर 105 को पार करते हुए, 105.15 पर पहुंच गया है, जबकि अमेरिका की 10 साल की बॉन्ड यील्ड भी बढ़कर अब 4.62% पर आ गई है. कच्चा तेल 83.5 डॉलर प्रति बैरल के इर्द-गिर्द घूम रहा है.
FPIs, DIIs ने की भारी बिकवाली
भारतीय बाजारों में बुधवार को आई बड़ी गिरावट के पीछ FPIs, DIIs की बिकवाली का बड़ा हाथ रहा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 5,841.84 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की, घरेलू निवेशकों ने लगातार 7 दिनों से शेयर बेचे हैं, बुधवार को भी DIIs ने 5,233.79 करोड़ रुपये की बिकवाली की.
अमेरिकी बाजारों में बड़ी गिरावट
बुधवार को डाओ जोंस 411 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 38,441.54 पर बंद हुआ, 17 मई को डाओ ने पहली बार 40,000 को पार करके नया ऐतिहासिक स्तर छुआ था, उस स्तर से डाओ अब 1600 अंकों से ज्यादा टूट चुका है. टेक शेयरों में Nvidia का खुमार उतर चुका है, जिसकी वजह से नैस्डेक में भी बुधवार को बिकवाली देखने को मिली और ये 99 अंकों की गिरावट के साथ 16,920.58 पर बंद हुआ, इसने इसी हफ्ते 17,000 का रिकॉर्ड स्तर पहली बार छुआ था. S&P 500 में भी 39 अंकों की गिरावट देखने को मिली है.
क्यों आई गिरावट
बुधवार को अमेरिकी बाजारों में जो घबराहट फैली, उसकी एक बड़ी वजह बॉन्ड यील्ड में आई तेजी है. अमेरिका की 10 साल की बॉन्ड यील्ड 4.62% पर आ गई है, जो कि 4 हफ्ते का सबसे ऊंचा स्तर है. बढ़ती बॉन्ड यील्ड से शेयर बाजार पर दबाव बढ़ता है, बॉन्ड यील्ड में तेजी का सीधा मतलब ये होता है कि बाजार मानकर चल रहा है कि आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है, इसके पहले फेड मिनट्स और इसके बाद कुछ फेड सदस्य भी इस बात को कह चुके हैं. इसके अलावा शुक्रवार को अमेरिका पर्सनल कंज्पशन एक्सपेंडीचर (PCE) का भी डेटा आने वाला है. अब बाजार को डर ये है कि अगर ये भी मजबूत आया तो ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और भी कम हो जाएंगी.
यानी इस साल रेट कट की कोई गुंजाइश भले न हो, लेकिन दरें बढ़ने को लेकर बाजार आशंकित हो गया है. हालांकि कई एनालिस्ट ये मान रहे हैं कि इस साल नवंबर या दिसंबर में एक रेट कट हो सकता है, हालांकि इसका संकेत तो 11-12 जून को होने वाली फेड की पॉलिसी बैठक में ही मिलेगा.
एशियाई बाजारों का हाल
GIFT निफ्टी 80 अंकों की गिरावट के साथ 22,660 के आस-पास ट्रेड कर रहा है. बाकी एशियाई बाजारों में जापान का बाजार निक्केई 600 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, चीन का बाजार शंघाई कंपोजिट बिल्कुल फ्लैट है, हॉन्क कॉन्ग का बाजार हैंग सेंग 150 अंक कमजोर है और कोरिया का बाजार कोस्पी करीब 1% टूटा हुआ है.
कच्चा तेल, सोना-चांदी
कच्चे तेल की कीमतों में एक बेहद सीमित दायरे में कारोबार हो रहा है, हालांकि ब्याज दरें बढ़ने का दबाव कच्चे तेल पर भी है. बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 83.50 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास ट्रेड कर रहा है, WTI क्रूड भी 79.30 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में नरमी है, सोने का जून वायदा हल्की फुल्की गिरावट के साथ 2,332.50 डॉलर प्रति आउंस पर ट्रेड कर रहा है, जबकि चांदी का जुलाई वायदा 32 डॉलर के नीचे फिसलकर ट्रेड कर रहा है.
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