जीरोधा के नितिन कामथ ने माना- मार्केट से भाग रहे हैं ट्रेडर्स

कामथ ने कहा, सभी ब्रोकर्स के यहां गतिविधियों में 30% से ज्यादा की कमी आई है.

Nithin Kamath. (Source: Zerodha website)

भारतीय बाजार में एक लंबे समय से गिरावट देखी जा रही है और ब्रोकिंग इंडस्‍ट्री इसके प्रभावों को महसूस कर रही है. ये बात जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने कही.

उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि शेयर बाजार में अभी भी अनिश्चितता है, लेकिन ब्रोकिंग इंडस्‍ट्री में ट्रेडर्स की संख्या और वॉल्यूम दोनों में 'भारी गिरावट' देखी जा रही है.

कामथ ने कहा, 'सभी ब्रोकर्स के यहां गतिविधियों में 30% से ज्यादा की कमी आई है. मार्केट से जुड़े नियमों और इस स्थिति के कारण, हमें पहली बार अपने व्यवसाय में गिरावट देखने को मिल रही है, जबकि हमने 15 साल पहले शुरुआत की थी.'

उन्होंने ये भी बताया कि वॉल्यूम में ये कमी भारतीय बाजार की कमजोरी को दिखाती है. अगर ये स्थिति जारी रही, तो सरकार को सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) से वित्तीय वर्ष 2026 में अनुमानित 80,000 करोड़ रुपये के बजाय सिर्फ 40,000 करोड़ रुपये ही मिल पाएंगे. STT शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री पर लगने वाला टैक्स है.

स्‍टॉक मार्केट क्रैश

फरवरी में निफ्टी 500 की 450 से ज्यादा कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई, जो बाजार के लिए एक चुनौतीपूर्ण महीना था. निफ्टी ने लगातार पांचवें महीने में गिरावट के साथ करीब 6% की कमी दर्ज की, जो नवंबर 1996 के बाद से सबसे लंबी गिरावट है.

सभी सेक्टोरल इंडेक्स में नुकसान देखा गया, जिसमें रियल्टी और IT सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. निफ्टी रियल्टी ने मार्च 2020 (कोविड-19 महामारी की शुरुआत) के बाद से सबसे खराब प्रदर्शन किया, जबकि निफ्टी IT ने अप्रैल 2022 के बाद से 35 महीनों में सबसे खराब प्रदर्शन दिखाया.

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