विजय केडिया भारतीय बाजार को लेकर कुछ सावधान हैं. उनका ये रुख भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को लेकर आशावाद की कमी के कारण नहीं, बल्कि बाजार के वैल्यूएशन को लेकर उनका कंफर्ट लेवल कुछ कम हो गया है.
केडिया ने कहा, "मैं इस बाजार में सतर्क हूं क्योंकि मूल्यांकन सस्ते नहीं हैं." उन्होंने कहा कि वो सही मौकों का इंतजार कर रहे हैं. उनके अनुमान के अनुसार, लिक्विड सिक्योरिटीज सहित 25% से 30% तक की नकदी मौजूदा बाजार में पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए एक रणनीतिक कदम है.
उन्होंने कहा, "बाजार अभी एक बहुत ही अनोखी स्थिति में है और मुझे नहीं पता कि ये क्या रूप लेगा. इस असमंजस की स्थिति के कारण मैंने नकदी को लिक्विड शेयरों में रखने का फैसला किया है, जहां ये बढ़ेगा नहीं, लेकिन सुरक्षित रहेगा."
केडिया को भारत के सबसे बेहतरीन मिड और स्मॉल-कैप निवेशकों में से एक माना जाता है, जिनका पोर्टफोलियो 1,130 करोड़ रुपये का है, जैसा कि उन कंपनियों के खुलासे से पता चलता है जिनमें उनकी 1% से ज्यादा हिस्सेदारी है. उनके प्रमुख शेयर अतुल ऑटो और न्यूलैंड लैबोरेटरीज हैं.
बाजार की उलझनों से कैसे निपटें?
उन्होंने कहा कि "मैं बाजार के 1,000 अंक चढ़ने की उम्मीद नहीं कर रहा, बल्कि मैं चाहता हूँ कि उलझनें कम हों," . उन्होंने आगे कहा कि वे अतिरिक्त पूजी तभी लगाएगे जब स्थिति स्पष्ट होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के टैरिफ युद्धों के कारण चल रही ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितता से शेयर बाज़ार में उथल-पुथल मची हुई हैं.
भारत की कहानी, घरेलू फोकस
मूल्यांकन पर अपने सतर्क रुख के बावजूद, केडिया का भारत की विकास कहानी में विश्वास अपरिवर्तित बना हुआ है. उन्होंने कहा कि बाजार इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है कि अमेरिकी टैरिफ भारत को प्रभावित करेंगे. उन्होंने कहा, "ये नया भारत है और हम कोई रास्ता निकाल लेंगे"
उनकी निवेश फिलॉसफी देश की आत्मनिर्भरता पर आधारित है, उन्होंने कहा कि ये उपभोक्ताओं और भारत में उनकी पसंद पर निर्भर करता है.
उन्होंने कहा, "भारत के लिए अपने उत्पाद खुद बनाने का समय आ गया है, क्रांतिकारी सुधारों का समय आ गया है, लोगों को कमाने और देश की रक्षा करने का मौका दिया जाए."
केडिया ने आगे कहा कि उनका ध्यान उन घरेलू थीम कंपनियों पर है जो अमेरिका या किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं हैं. उन्होंने मौजूदा अर्निंग सीजन को "मिक्स्ड" बताया.