VK पांडियन ने राजनीति से संन्यास का किया ऐलान, ओडिशा की हार के लिए कहा 'सॉरी'

VK पांडियन, नवीन पटनायक के इतने करीबी थे कि लोग उन्हें पूर्व CM नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी मानने लगे थे. हालांकि नवीन पटनायक कई बार पांडियन के उत्तराधिकारी होने की बात खारिज कर चुके हैं.

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ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) के करीबी पूर्व IAS VK पांडियन (VK Pandian) ने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया है. हाल ही में ओडिशा में हुए विधानसभा में बीजू जनता दल (BJD) को करारी हार हुई, जिसकी जिम्मेदारी लेते हुए पांडियन ने ये फैसला लिया है. BJD सुप्रीमो और ओडिशा के पूर्व CM नवीन पटनायक ने पांडियन के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पांडियन ने पिछले 10 साल में शानदार काम किया है.

पांडियन को ठहराया जा रहा हार का जिम्मेदार

ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी हुए थे. जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने 78 सीटों के साथ रिकॉर्डतोड़ जीत दर्ज की, जबकि BJD केवल 51 सीटों पर सिमटकर रह गई. नतीजतन 5 बार के मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक की सत्ता पलट गई. पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस करारी हार के लिए पांडियन को ही जिम्मेदार ठहरा रहे थे.

नवीन पटनायक के करीबी लेकिन उत्तराधिकारी नहीं

VK पांडियन तमिलनाडु में सिविल सेवा में कार्यरत थे. जहां से ओडिशा की राजनीति में आ गए. पार्टी में पांडियन नवीन पटनायक के सबसे करीबी माने जाते थे. लेकिन पांडियन ने न तो पार्टी में कोई पद लिया और न ही को चुनाव लड़ा. पांडियन, नवीन पटनायक के इतने करीबी थे कि लोग उन्हें पूर्व CM नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी मानने लगे थे. हालांकि पूर्व CM पटनायक कई बार पांडियन के उत्तराधिकारी होने की बात ये कहते हुए खारिज कर चुके हैं कि उनका उत्तराधिकारी जनता चुनेगी.