महाराष्ट्र में जीका वायरस (Zika Virus) के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है. 3 जुलाई को केंद्र ने राज्य सरकारों को जीका वायरस पर एडवाइजरी जारी की है.
केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे प्रेगनेंट महिलाओं में जीका वायरस की सक्रिय ढंग से जांच करें और उनके भ्रूण के विकास पर निगरानी रखें. दरअसल जीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के भ्रूण में ‘माइक्रोसेफेली’ और न्यूरॉन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
बता दें 2 जुलाई को पुणे में 55 साल की एक महिला जीका वायरस से ग्रसित पाई गई थी. इस तरह अब तक प्रदेश में कुल 7 मामले सामने आ चुके हैं.
जीका वायरस (Zika Virus) की बीमारी एडीज मच्छर के काटने से फैलती है, जिससे डेंगी (dengue) और चिकनगुनिया (chikungunya) जैसे संक्रमणों को फैलाने के लिए भी जाना जाता है.
मच्छरों से करें बचाव, जल्द दें सूचना: एडवाइजरी
सरकारी प्रेस रिलीज के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों को मच्छरों से बचाव का निर्देश दिया गया है.
किसी भी जीका वायरस केस का पता चलने पर राज्यों को तुरंत इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (NCVBDC) को सूचना देनी होगी.
हेल्थ सर्विस के डायरेक्टर जनरल डॉ. अतुल गोयल द्वारा जारी एडवाइजरी में राज्यों में जीका वायरस के डर को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर जागरूकता अभियान को बढ़ावा देने का आग्रह किया गया है.
जीका संक्रमण के लक्षण
बुखार, शरीर पर चकत्ते, आंखे लाल होना
आंखों के पिछले हिस्से, जोड़ों, मांसपेशियों में दर्द
जीका संक्रमण का इलाज
एंटीपायरेटिक दवा लें (पैरासिटामोल)
पानी की कमी न होने दें
पूरी नींद लें, आराम करें
जीका संक्रमण से बचाव
मच्छरों से बचें
मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें
मच्छरदानी में ही सोएं
हल्के रंग के कपड़े पहनें
लक्षण दिखने पर खूब पानी पियें