दिवाली से पहले ही दिल्ली-NCR की हवा में जहर घुलने लगा है, जिसके पीछे मौसम में आए बदलाव और आसपास के इलाकों में पराली जलाना प्रमुख कारण हैं. इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में GRAP-II यानी ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान का दूसरा चरण लागू है और इसके तहत तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. इनमें पटाखों पर भी बैन शामिल है, लेकिन बैन के बावजूद 10 में से 2 परिवार नहीं मानने वाले हैं.
लोकल सर्कल्स के एक सर्वे में सामने आया है कि पटाखों पर बैन के बावजूद दिल्ली-NCR के 18% परिवार पटाखे जलाने की तैयारी में हैं. वहीं 55% परिवार ऐसे भी हैं, जो मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसी कोई मंशा नहीं रखते.
दिल्ली-NCR में दिवाली से पहले ये सर्वे कराया गया है. लोकल सर्कल्स ने 10,526 लोगों के बीच ये सर्वे कराया, जिसमें 68% उत्तरदाता पुरुष थे जबकि 32% महिलाएं थीं.
ज्यादातर लोग समझदार, लेकिन...
सर्वे में सामने आया कि ज्यादातर लोग एयर पॉल्यूशन को लेकर जागरूक हैं. दिल्ली-NCR में खराब होती एयर क्वालिटी से होने वाली परेशानियों को देखते हुए उन्होंने दिवाली पर पटाखे नहीं जलाने का फैसला लिया है. हालांकि ऐसे लोगों की तादाद भी है, जो इसको लेकर जागरूक नहीं हैं. सर्वे के मुताबिक,
55% लोगों ने कहा कि वे पटाखे नहीं जलाएंगे क्योंकि इससे प्रदूषण होता है.
19% लोगों ने कहा कि वे पटाखे जलाना चाहते हैं (ऐसा नहीं कहा कि जलाएंगे ही)
9% लोगों ने कहा कि वे दिवाली पर पटाखे जलाएंगे. (हालांकि पटाखों पर बैन है)
9% लोगों ने कहा वे पटाखे जलाएंगे और उन्हें पता है कि पटाखें कहां से और कैसे मिलेंगे.
8% लोगों ने पटाखे जलाने को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
लोकलसर्कल्स ने इस सर्वे के आधार पर ओवरऑल नतीजा ये निकाला कि दिल्ली-NCR के 18% परिवार इस दिवाली पर पटाखे जला सकते हैं.
बैन के बावजूद बिक रहे पटाखे
सर्वे में शामिल कई लोगों ने पटाखों के संबंध में सरकार की सलाह के प्रति उदासीनता दिखाई. इस उदासीनता का प्रमाण हमने 20 अक्टूबर को करवा चौथ के दौरान देखा, जब बड़े पैमाने पर पटाखे जलाए गए.
एक जनवरी, 2025 तक दिल्ली और NCR में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद कई लोगों के पास अभी भी पटाखे हैं.
दिवाली में अब 2 दिन ही बचे हैं और ऐसे में पटाखों पर बैन और अन्य उपायों के असर को लेकर लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है. दिल्ली-NCR के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लेवल 350 से ज्यादा हो गया है, जो 'गंभीर' कैटगरी में आता है.