लॉटरी में जीती गई राशि आने वाले समय में बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से ही मिल सकते हैं. राशि बड़ी हो या छोटी, कैश में पाने का सिस्टम खत्म हो सकता है.
दरअसल, गृह मंत्रालय (Home Ministry) चाहता है कि लॉटरी विजेताओं को पुरस्कार राशि का वितरण बैंकों के माध्यम से किया जाना चाहिए.
ऐसा इसलिए, ताकि टैक्स चोरी और मनी लाॅन्ड्रिंग की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके. मंत्रालय ने सोमवार को इस बारे में संसद को सूचित किया.
केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में सदन को बताया कि गृह मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग से इस संबंध में सुझाव मांगें हैं. उन्होंने बतायाइसके साथ ही राज्य सरकारों से भी इस विषय पर सुझाव मांगे गए हैं.
अभी क्या हैं नियम?
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194B और 194G के तहत लॉटरी और क्रासवर्ड पहेली से जीती रकम और लाटरी टिकटों की बिक्री पर TDS कटता है.
फाइनेंस एक्ट, 2023 ने सेक्शन 194B में संशोधन किया है और TDS के दायरे को बढ़ाया है. इसमें किसी भी तरह के जुआ और सट्टेबाजी को भी शामिल किया गया है.
अगर इन माध्यमों से जीती गई कुल राशि एक वित्त वर्ष में 10,000 रुपये से ज्यादा होती है तो उस पर TDS काटे जाने का प्रावधान है.
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पंकज चौधरी ने कहा, 'इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स चोरी के मामलों में तभी जांच और कार्रवाई करता है, जब किसी टैक्सपेयर्स से संबंधित टैक्स कानूनों के उल्लंघन की कोई विश्वसनीय या खुफिया जानकारी उसके संज्ञान में आती है.