Cabinet Decisions: 'नेशनल क्वांटम मिशन' को सरकार ने दी मंजूरी, जानिए इसके ढेरों फायदे

नेशनल क्वांटम मिशन की घोषणा 3 साल पहले की गई थी, जो अब मूर्त रूप ले रहा है.

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केंद्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting Today) में नेशनल क्वांटम मिशन (National Quantum Mission) को मंजूरी दे दी है. इसके तहत करीब 6003.65 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. 2023-2031 तक की अवधि के लिए ये लागू रहेगा.

केंद्र सरकार का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग क्वांटम (Department of Science and Technology) टेक्नोलॉजी और एप्लिकेशंस पर नेशनल मिशन को लीड करेगा.

नेशनल क्वांटम मिशन की घोषणा 3 साल पहले की गई थी, जो अब असल रूप ले रहा है. इस मिशन से क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कंम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसर और क्वांटम रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही मेट्रोलॉजी, क्वांटम मेटेरियल और इससे जुड़े डिवाइसेस को डेवलप करने में मदद मिलेगी.

मिशन के लिए गवर्निंग बॉडी बनाई जाएगी

इस मिशन को चलाने के लिए या मार्गदर्शन देने के लिए एक गवर्निंग बॉडी होगी, जिसकी अध्यक्षता इंडस्ट्री या रिसर्च क्षेत्र के जाने माने वैज्ञानिक, आंत्रप्रेन्योर करेंगे. प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर की अध्यक्षता में गठित मिशन टेक्नोलॉजी रिसर्च काउंसिल इस गवर्निंग बॉडी के लिए साइंटिफिक एडवाइजरी बॉडी का काम करेगी.

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इस मिशन से क्या-क्या होगा?

क्वांटम कम्प्यूटिंग में सामान्य कम्प्यूटर से कई गुना ज्यादा डेटा कई गुना कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है. इसका फायदा कम्युनिकेशंस, हेल्थ, फार्मास्यूटिकल्स, फाइनेंशियल सेक्टर, एनर्जी, डिफेंस और डेटा सिक्योरिटी के क्षेत्रों को मिलेगा.

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) अजय कुमार सूद ने पिछले दिनों बताया था कि 4 वर्टिकल (क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कॉम्युनिकेशंस, क्वांटम सेंसर, मेट्रोलॉजी), क्वांटम मेटेरियल और डिवाइस वाला एक नेशनल क्वांटम मिशन बहुत जल्द लॉन्च किया जाएगा. बुधवार को इसे मंजूरी दे दी गई है.

  • नेशनल क्वांटम मिशन स्कीम साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत DST द्वारा लागू की जाएगी. मिशन का फोकस फंडामेंटल साइंस और टेक्नोलॉजी डेवलेपमेंट पर रहेगा.

  • क्वांटम साइंस और टेक्नोलॉजी का विस्तार एयरो-स्पेस इंजीनियरिंग, न्यूमेरिकल वेदर प्रेडिक्शन (Numerical Weather Prediction), सिमुलेशन, संचार और वित्तीय लेनदेन, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा इत्यादि क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.

  • क्वांटम टेक्नोलॉजी में रिसर्च और डवलपमेंट को बढ़ावा देने पर जोर होगा. इसमें टाटा कंसल्टेंसी, HCL, Mphasis जैसी कंपनियों की दिलचस्पी है.

  • यह मिशन विस्तार लेती क्वांटम कंप्यूटर की दुनिया में यह मिशन भारत की क्षमताओं का भी विस्तार करेगा.

  • क्वांटम फ्रंटियर्स में स्पेशियलिटी प्रॉडक्शन पर ध्यान देगा जो राष्ट्रीय सुरक्षा और क्वांटम कंप्यूटर, संचार, रसायन विज्ञान, नई सामग्री, सेंसर के साथ-साथ क्वांटम क्रिप्टोग्राफी के विकास के लिए आवश्यक होगा.

हेल्थ सर्विस सिस्टम में भी आएगी क्रांति

नेशनल क्वांटम मिशन से हेल्थ सर्विस सिस्टम में भी क्रांति आ सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पिछले महीने दिल्ली में डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कहा था कि प्रभावी हेल्थ सर्विस डिस्ट्रीब्यूशन के लिए डिजिटल स्वास्थ्य समाधान का लाभ उठाने की दिशा में भारत ने 'क्वांटम लीप' लिया है.

मंडाविया ने कहा था, 'भारत सरकार का मानना है कि डिजिटल उपकरणों में अपार क्षमता है और यह स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने और बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.' बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं में क्वांटम तकनीक के इस्तेमाल से सर्विस डिस्ट्रीब्यूशन और ज्यादा उन्नत, सुलभ और सुविधाजनक बनाया जाएगा.