दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में (Delhi Liquor Policy Case) में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
ED की टीम गुरुवार की शाम को दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची थी. सर्च और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. शुक्रवार सुबह उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. ED ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी. हालांकि कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड ग्रांट की.
दिल्ली कोर्ट में क्या हुआ?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ED ने केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले में 'किंगपिन' और 'मास्टरमाइंड' बताया. ED ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल, 'साउथ ग्रुप', पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसौदिया और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी विजय नायर समेत अन्य आरोपियों के बीच मीडिएटर थे.
घोटाले के पैसे से लड़ा चुनाव!
ED ने रिमांड कॉपी में आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि घोटाले के जरिए पार्टी ने फायदा उठाया और हवाला के जरिए 45 करोड़ रुपये गोवा ट्रांसफर किए गए. पार्टी ने एक कंपनी की तरह बिजनेस किया, जिसके लिए अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार है.
ED का आरोप है कि इसी घोटाले से कमाए गए 45 करोड़ रुपये पार्टी ने गोवा चुनाव में खर्च किए हैं, इसलिए पार्टी पर भी PMLA यानी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई होनी चाहिए.
गिरफ्तारी के बाद उनकी लीगल टीम ने तत्काल राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन शुक्रवार सुबह अर्जी वापस ले लिया. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि वो वो अपनी मांग को लोअर कोर्ट में रखेंगे और अगर वहां राहत नहीं मिलती है तब सुप्रीम कोर्ट आएंगे.