दिल्ली के स्कूलों में दी जाने वाली एयर कंडीशनिंग सर्विसेज की सुविधा का खर्च बच्चों के माता-पिता को ही उठाना होगा.
दिल्ली हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत PS अरोड़ा की बेंच ने कहा कि एयर कंडीशनिंग की सुविधा, स्कूलों द्वारा लैब और स्मार्ट क्लास पर लगाए जाने वाले दूसरे चार्ज की तरह ही होती है.
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल के खिलाफ एक PIL लगाई गई थी. इसमें स्कूल को AC सर्विस के लिए 2,000 रुपये/महीने चार्ज ना करने का निर्देश देने की अपील की गई थी.
स्कूल में 9वीं क्लास के छात्र और याचिकाकर्ता मनीष गोयल के मुताबिक बच्चों को एयर कंडीशनिंग फैसिलिटी उपलब्ध करवाना स्कूल मैनेजमेंट का दायित्व है और ये सुविधा स्कूल के अपने फंड और संसाधनों से छात्रों को उपलब्ध करवाई जानी चाहिए.
कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि 2023-24 के लिए जारी की गईं फीस रसीद में एयर कंडीशनिंग पर लगने वाले चार्ज का साफ-साफ उल्लेख है.
क्या बोला शिक्षा विभाग?
दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग (Department Of Education/DoE) ने कोर्ट में कहा कि वे संबंधित मुद्दे (एयर कंडीशनिंग फीस) पर विचार कर रहे हैं, शिकायतों पर रिपोर्ट बुलवाई गई है. इस संबंध में महाराज अग्रसेन स्कूल को शोकॉज नोटिस भी जारी किया गया है.
कोर्ट ने कहा, 'चूंकी रसीदों में एयर कंडीशनिंग चार्ज का साफ-साफ उल्लेख है, ऐसे में ये माना जा सकता है कि संबंधित शुल्क DoE को सूचित करने के बाद वसूल की गई है. ऐसे में यहां कोई अनियमित्ता नजर नहीं आती.'
कोर्ट ने कहा, 'जब पेरेंट स्कूल का सेलेक्शन कर रहे हों, तब उन्हें बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं और उनके शुल्क का ध्यान रखना चाहिए. सुविधाएं देने का भार अकेले स्कूल मैनेजमेंट पर नहीं डाला जा सकता.'
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