सरकार ने बताया है कि संचार साथी की मदद से एक करोड़ से ज्यादा फ्रॉड मोबाइल कनेक्शन को काटा गया है, जो स्पैम कॉल्स में इस्तेमाल हो रहे थे. लोगों को स्पैम कॉल से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है.
सरकार ने बयान में बताया कि स्पैम कॉल्स की दिक्कतों को खत्म करने के लिए TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को स्पैम कॉल्स के लिए बल्क कनेक्शन का इस्तेमाल करने वाली एंटिटीज को डिस-कनेक्ट करने और ब्लैकलिस्ट करने का निर्देश दिया है. यहां स्पैम कॉल्स में रोबो-कॉल्स और प्री-रिकॉर्डेड कॉल्स को भी शामिल किया गया है.
पिछले दो हफ्तों में 3.5 लाख से ज्यादा नंबर हुए डिस-कनेक्ट
पिछले दो हफ्तों के दौरान ऐसे 3.5 लाख से ज्यादा नंबरों को डिस-कनेक्ट और 50 इकाइयों को ब्लैकलिस्ट किया गया है. इसके अलावा करीब 3.5 लाख अनवेरिफाइड SMS हेडर्स और कंटेंट टेंपलेट्स को ब्लॉक किया गया है.
DoT ने साइबर फ्रॉड से लड़ने के लिए संचार साथी (https://sancharsaathi.gov.in) नाम का प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था. इसकी मदद से लोग संदिग्ध कॉल्स और मैसेज को लेकर शिकायत कर सकते हैं.
सरकार ने जानकारी दी कि इसकी मदद से आज तक 1 करोड़ से ज्यादा फर्जी मोबाइल कनेक्शन को डिस-कनेक्ट किया गया है. इसके अलावा साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल 2.27 लाख मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक किया गया है.
हर महीने होगी कॉल ड्रॉप, डाउन टाइम की निगरानी
इसके अलावा नेटवर्क परफॉर्मेंस में सुधार के लिए नेटवर्क की उपलब्धता, कॉल ड्रॉप रेट, पैकेट ड्रॉप रेट आदि के लिए बेंचमार्क्स को धीरे-धीरे सख्त बनाया जाएगा. इस मामले में TRAI ने अपने संशोधित नियमों को जारी किया है. ये नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे.
1 अप्रैल 2025 से मोबाइल सर्विस की QoS (क्वालिटी ऑफ सर्विस) परफॉर्मेंस की तिमाही की जगह मासिक आधार पर निगरानी की जाएगी. कम्युलेटिव डाउन टाइम की मंथली रिपोर्टिंग अप्रैल 2025 से शुरू होगी. डाउन टाइम की वजह से सबसे बुरी तरह से प्रभावित कॉल्स की भी मंथली रिपोर्टिंग इसी समय से शुरू होगी. 2G, 3G, 4G और 5G के लिए कॉल ड्रॉप की भी मंथली मॉनिटरिंग की जाएगी.