प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर सरकार का स्टैंड पूरी तरह से क्लियर कर दिया है. लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देश में UCC लाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश को कम्युनल नहीं, बल्कि इस वक्त सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है.
देश को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि जिस सिविल कोड में हम जी रहे हैं, वो कम्युनल सिविल कोड है. मैं कहूंगा कि ये समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष सिविल कोड हो, तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो सकेंगे.
सेक्युलर सिविल कोड की देश को जरूरत: PM मोदी
PM मोदी ने कहा, 'हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. कोर्ट की तरफ से कई बार आदेश दिए गए हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करना हमारा दायित्व है. मैं मानता हूं कि इस गंभीर विषय पर चर्चा हो. हर कोई अपने विचारों को लेकर आए. धर्म के आधार पर बांटने वाले कानूनों का समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है. अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो. हमने कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा. तब जाकर हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी.'
'सरकार का कम से कम हो दखल'
अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि 2047 के विजन में मेरा मानना है कि सरकार का दखल आम नागरिकों के जीवन में कम से कम हो. जहां जरूरी हो, वहां कमी ना हो. पर गैरजरूरी दखल ना हो. 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म किया, छोटी-छोटी वजहों से जेल भेजने वाले नियमों को हटाया. हमें मिशन मोड में ईज ऑफ लिविंग के लिए कदम उठाना चाहिए. आम नागरिकों सरकार को छोटी-छोटी गैरजरूरी चीजों के बारे में बताना चाहिए, जिन्हें खत्म होना चाहिए.