कभी उड़ान नहीं भरेगी जेट एयवरेज? क्रेडिटर्स ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- कंपनी बंद करना ही विकल्प

'एयरलाइन का एयर ऑपरेशंस सर्टिफिकेट मई में खत्म हो चुका है और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA की इसे रिन्यू करने की इच्छा नहीं है.'

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ठीक दो साल पहले, जून 2021 में जेट एयरवेज (Jet Airways) के जिस रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी मिली थी, दो साल के बाद जून 2023 में उस पर चलना करीब-करीब असंभव हो गया है. अब एकमात्र रास्ता है कंपनी पर ताला लगाना.

ये कहना है जेट एयरवेज की कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स का, जिसकी ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अब तक सफल बोली लगाने वाले ने एक भी रुपया नहीं डाला है और कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स, सरकारी पैसे में से 400 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुकी है.

हवाई सेवा का सर्टिफिकेट मई में खत्म

वेंकटरमन ने कहा कि जालान-कालरॉक कंसोर्शियम, फंड डालने के लिए समय बढ़ाने की याचिका को दायर करता रहता है. लेकिन उसने अब तक कोई पैसा जमा नहीं किया है. एयरलाइन का एयर ऑपरेशंस सर्टिफिकेट मई में खत्म हो चुका है और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA की इसे रिन्यू करने की इच्छा नहीं है. कंसोर्शियम से जवाब मांगते हुए, मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ ने मामले को सुनवाई के लिए दो हफ्ते बाद लिस्ट किया है.

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जेट एयरवेज को साल 2019 में फंडिंग की किल्लत का सामना करना पड़ा था. इसके बाद एयरलाइन इंसॉल्वेंसी में चली गई थी. इसके दो साल बाद जून 2021 में एक नॉन-रेजिडेंट इंडियन मुरारी लाल जालान और कालरॉक कैपिटल पार्टनर्स लिमिटेड के कंसोर्शियम ने रिजॉल्यूशन प्लान जमा किया था.

फंड के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी: कंसोर्शियम

आज एक बयान में, जालान-कालरॉक कंसोर्शियम के प्रवक्ता ने कहा कि कंसोर्शियम केवल सही समय पर फंड डाल सकता है, जब अप्रूव्ड रिजॉल्यूशन प्लान के मुताबिक, सभी जरूरी कदमों को पूरा कर लिया गया हो. इन कदमों में रिजोल्यूशन प्लान की प्रभावी तारीख की पुष्टि करना, रेगुलेशंस के तहत कंपनी का अनुपालन शामिल हैं.

कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स के एयर ऑपरेशंस सर्टिफिकेट के खत्म हो जाने की बात पर कंसोर्शियम ने कहा कि कर्जदाताओं की वजह से की गई देरी की वजह से सर्टिफिकेट को एक्टिव नहीं रखा जा सकता है. उसने आगे कहा कि अगर कर्जदाता मई 2022 में प्रभावी तारीख पर सहमत हो जाते और कंपनी को हैंडओवर कर देते, तो सर्टिफिकेट को मान्य रखा जा सकता था.

बयान के मुताबिक, DGCA ने कभी नहीं कहा कि वो सर्टिफिकेट को आगे बढ़ाना नहीं चाहते हैं. असल में, वो मामले की समीक्षा कर रहे हैं और हमें उनके पूरे समर्थन की उम्मीद है, क्योंकि हमें इस दौरान ये मिलता रहा है.

बकाया चुकाने के लिए मिला अतिरिक्त समय

जालान-कालरॉक कंसोर्शियम के पास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अपने 150 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान करने के लिए 16 नवंबर 2022 से 15 मई 2023 तक 150 दिन थे. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जेट एयरवेज के रेजोल्यूशन प्लान को सही तरीके से चलाने के लिए जिम्मेदार मॉनिटरिंग कमेटी का हिस्सा है. जब बकाये का भुगतान समय पर नहीं किया गया था, तो कंसोर्शियम ने SBI को परफॉर्मेंस बैंक गारंटी का फायदा लेने से रोकने के लिए नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था.

इसके बाद, अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कंसोर्शियम को बकाये का भुगतान करने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया था.

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