टमाटर पर महंगाई की मार ने किसी को नहीं छोड़ा, McDonald's ने मेन्यू से ही हटा दिया

वेस्ट और साउथ इंडिया के फ्रेंचाइजी ने कहा कि उनके 10-15% स्टोर्स ने टमाटर परोसना बंद कर दिया है.

Source: BQ Prime/Vijay Sartape

थाली के जायके का अहम हिस्‍सा टमाटर, तमतमाते हुए थाली से दूर तो पहले ही चला गया था, अब खबर ये है कि फास्ड फूड चेन McDonald's के भी टमाटर खरीदने में पसीने छूट रहे हैं. McDonald's इंडिया ने शुक्रवार को घोषणा की कि कंपनी ने मेन्यू से टमाटर को हटा दिया है. कंपनी ने ये भी कहा कि ये एक ‘सीजनल इश्यू’ है.

कंपनी के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि अच्छी क्वालिटी के टमाटर न मिलने के कारण वो अपने प्रोडक्ट्स में टमाटर नहीं परोस पाएंगे. उन्होंने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप टमाटर नहीं मिल पा रहे हैं. कंपनी ने कहा कि वो पंजाब-चंडीगढ़ क्षेत्र के रेस्टोरेंट्स में अपने मेन्यू में टमाटर परोसना जारी रखेंगे, क्योंकि वहां पर्याप्त मात्रा में टमाटर की सप्लाई है.

सोशल मीडिया पर McDonald's के मेन्यू से टमाटर के गायब होने पर खूब हंगामा हुआ, जहां यूजर्स स्टोर्स के लगाए नोटिस की तस्वीरें साझा कर रहे हैं.

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हालांकि, मैकडॉनल्ड्स इंडिया नॉर्थ एंड ईस्ट ने बढ़ी हुई कीमतों को मेन्यू से टमाटर हटाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है, लेकिन कोलकाता में टमाटर की कीमत 152 रुपये प्रति किलो और दिल्ली में 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बेंगलुरु में कीमतें बढ़कर 110 रुपये प्रति किलो हो गईं, जबकि चेन्नई में एक किलो के टमाटर के लिए 117 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अधिकतम दर 162 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है.

वेस्ट और साउथ में क्या है हाल?

McDonald's नॉर्थ और ईस्ट, संजीव अग्रवाल के नेतृत्व वाले MMG अग्रवाल ग्रुप द्वारा चलाया जाता है, जबकि BL भाटिया के नेतृत्व वाला वेस्टलाइफ ग्रुप पश्चिम और दक्षिण भारत में इसे ऑपरेट करता है. वेस्ट और साउथ इंडिया के फ्रेंचाइजी ने कहा कि उनके 10-15% स्टोर्स ने टमाटर परोसना बंद कर दिया है. हालांकि उन्होंने इसे 'अस्थायी' मुद्दा बताया है और कहा है कि ऑपरेटर सप्लाई पर काम कर रहे हैं.

टमाटर पर मौसम की मार

आमतौर पर टमाटर, जून और जुलाई के कम उत्पादन वाले महीनों में महंगे हो जाते हैं, लेकिन इस साल इसका असर बहुत ज्यादा बढ़ गया है. टमाटर की अधिक कीमतों के लिए बहुत से कारण हैं, जिसमें प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में हीटवेव और भारी वर्षा शामिल है, जिससे फसल खराब हुई है.

इसके अलावा, टमाटर की शेल्फ लाइफ कम होती है, जिसका असर कीमतों पर भी पड़ा है. हालांकि, कई राज्य सरकारों ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है. उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने के लिए तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई में राशन की दुकानों पर 60 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर टमाटर बेचना शुरू कर दिया है. पश्चिम बंगाल में, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने रिटेल नेटवर्क, सुफल बांग्ला को 115 रुपये प्रति किलोग्राम पर देने का निर्देश दिया है.

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