समय के साथ पेमेंट के तरीकों में बदलाव आया है और अब एक बड़ी आबादी डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता देने लगी है. डिजिटल पेमेंट के तरीकों में भी UPI सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. बीते महीने यानी अक्टूबर में तो इसने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड ही बना डाला.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में टोटल 1,658 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी टोटल वैल्यू करीब 23.5 लाख करोड़ रुपये रही.
अप्रैल 2016 में UPI की शुरुआत के बाद ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है. इससे पहले ट्रांजैक्शन के मामले में रिकॉर्ड सितंबर 2024 में दर्ज हुआ था, जिस महीने 1504 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे, जबकि वैल्यू के लिहाज से जुलाई में रिकॉर्ड दर्ज हुआ था, जब 20.64 लाख करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन हुए.
फेस्टिव सीजन में शॉपिंग के बूते बना रिकॉर्ड
NPCI के आंकड़ों के अनुसार, UPI ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजैक्शन, यानी सामान और सर्विस की शॉपिंग के लिए किए गए पेमेंट के चलते बना. इसमें फेस्टिव सीजन का खास योगदान रहा और अक्टूबर में पहली बार UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 1600 करोड़ और टोटल वैल्यू 23 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई.
रोजाना, मासिक और वार्षिक आधार पर बढ़ोतरी
सितंबर की तुलना में अक्टूबर में लेनदेन में 10% और कुल मूल्य में 14% की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
अगस्त में UPI के जरिये 14.96 बिलियन ट्रांजैक्शन हुए थे, जिनकी कुल वैल्यू ₹20.61 लाख करोड़ थी.
डेली बेसिस पर अक्टूबर में UPI ट्रांजैक्शन 53.5 करोड़ की संख्या और ₹75,801 करोड़ की वैल्यू को पार कर गए
ये सितंबर में रोजाना के 50.1 करोड़ ट्रांजैक्शन और ₹68,800 करोड़ की वैल्यू से काफी ज्यादा है.
सालाना आधार पर, अक्टूबर में UPI ट्रांजैक्शन की संख्या में 45% और कुल वैल्यू में 37% की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
IMPS ट्रांजैक्शन का भी रिकॉर्ड
अक्टूबर में मोबाइल बैंकिंग के IMPS यानी इमीडिएट पेमेंट सर्विस के जरिए 46.7 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए. ये सितंबर के 43 करोड़ से 9% ज्यादा है. वहीं, मूल्य के लिहाज से IMPS ट्रांजैक्शन में 11% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और ये आंकड़ा सितंबर में 5.65 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अक्टूबर में 6.29 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई.
अगस्त में IMPS ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 45.3 करोड़ और टोटल वैल्यू ₹5.78 लाख करोड़ थी. वहीं साल-दर-साल आधार पर, अक्टूबर में लेनदेन की संख्या में 5% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि टोटल वैल्यू में 17% की बढ़ोतरी देखी गई.