NDTV वर्ल्ड समिट 2024 में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने UK-इंडिया संबंधों के साथ-साथ वैश्विक राजनीति में भारत के बढ़ते रुतबे पर खुलकर चर्चा की है.
कैमरन ने दुनिया की दिशा तय करने वाले अहम संस्थानों में बदलाव की जरूरत भी बताई और UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता को समर्थन दोहराया. साथ ही कैमरन ने यूक्रेन जंग में भारत की संभावित भूमिका पर भी चर्चा की.
UNSC में बदलाव जरूरी
उन्होंने कहा, 'दुनिया को मजबूत ग्रोथ, मजबूत लोकतंत्र और ग्रीन ट्रांजिशन की जरूरत है, भारत तीनों पैमानों पर शानदार है. दुनिया को रीसेट की जरूरत है. दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद बनाए गए संस्थानों में बदलाव की जरूरत है. भारत को इस बदलाव के केंद्र में होना चाहिए. UNSC में बदलाव जरूरी है. स्वाभाविक तौर पर भारत के पास इसकी स्थायी सदस्यता होनी चाहिए.'
कैमरन ने कहा कि वे हमेशा से UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते रहे हैं और 2005 में जब वे कंजर्वेटिव पार्टी के अध्यक्ष और 2010 में जब वे प्रधानमंत्री बने, दोनों ही बार उन्होंने यूरोप के बाहर पहला दौरा भारत का किया. मतलब उनका 'इंडियन स्टोरी' में अटल यकीन रहा है.
कैमरन ने तमाम ग्लोबल इंस्टीट्यूशंस में भारत की अहम भूमिका की तारीफ करते हुए कहा, 'वैश्विक संस्थानों में जो बदलाव होने हैं, उनमें वक्त लग सकता है. लेकिन इस बीच G7 में आमंत्रित देश होने के नाते और G20, QUAD जैसे संस्थानों में भारत का हिस्सा लेना अहम है.'
यूक्रेन में भारतीय भूमिका पर कैमरन
कैमरन ने प्रधानमंत्री की हालिया रूस और यूक्रेन यात्राओं का जिक्र किया और कहा, 'भारत निश्चित ही मध्यस्थता कराने में अहम भूमिका निभा सकता है. यहां यूक्रेन की सीमाओं की अखंडता की इज्जत करना जरूरी होगा.'
वहीं ब्रिटेन और भारत के संबंधों पर कैमरन ने कहा कि वे 2005 से मजबूत भारत-ब्रिटेन संबंधों पर जोर देते आए हैं. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे पुराने लोकतंत्र में और गहरे संबंध होने चाहिए.
भारत और ब्रिटेन के बीच FTA ना होने पर बोले कैमरन
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के साथ ब्रिटेन के FTA (Free Trade Agreement) का वायदा किया था, लेकिन ये अब तक नहीं हो पाया है. इससे जुड़े सवाल पर कैमरन ने कहा, 'बोरिस ने ये वायदा किया था. मैं इससे सहमत हूं कि FTA होना चाहिए. दुखद है कि ये अब तक हो नहीं पाया. देखिए ये जरूरी है कि जब भी FTA हो, तो ये काफी मजबूत हो, मतलब दोनों देश इसमें काफी कुछ टेबल पर लेकर आएं. भारत जो भी डील हमारे साथ करेगा, वो दूसरों के लिए आदर्श होगी. इसलिए जरूरी है कि भारत उदारता के साथ ये डील करे.'
उन्होंने आगे कहा, 'हमें तुरंत ब्रिटेन में निवेश की जरूरत है, लेकिन भारत को भी साल में लाखों नौकरियों की जरूरत है, इसलिए दोनों देशों को ज्यादा राजनीतिक जोखिम लेते हुए ज्यादा चीजें इस समझौते के तहत लानी चाहिए.'
भारत के बारे में कब बदली दुनिया की राय?
भारत के बारे में दुनिया की बदली राय पर चर्चा करते हुए कैमरन ने कहा, 'हाल के इतिहास में ऐसी घटनाएं रहीं, जिससे भारत के बारे में दुनिया की राय बदली. 1991 का उदारीकरण, चीन की आबादी को पार करना, ग्रीन ट्रांजिशन और भी कई घटनाएं.'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन सबसे अहम घटना रही, जब ब्रिटेन में भारत का निवेश जापान को पार कर गया. मुझे लगता है वो सबसे अहम था. दरअसल उस वक्त आइकॉनिक टाटा ने JLR की बड़ी डील की थी. मतलब एक भारतीय कंपनी ब्रिटेन आई और हमारे सबसे फेमस कार ब्रैंड्स में से एक को खरीद लिया. ये हमारे लिए एक वेकअप कॉल था कि ये इकोनॉमी अब ग्लोबल स्टेज पर आ चुकी है और आगे अच्छा करेगी.'