Operation Sindoor: 'पहलगाम हमले पर पाक बेनकाब', पढ़ें सेना और विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस का सार

कॉन्‍फ्रेंस को विदेश सचिव के साथ भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संबोधित किया.

पहलगाम आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना की एयर स्‍ट्राइक को लेकर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्‍तान में आतंकवाद को संरक्षण दिए जाने के सबूत पेश किए.

उन्‍होंने कहा, 'पाकिस्तान के आतंकियों से संबंध उजागर हुए हैं. पाकिस्तान दुनिया भर में आतंकियों के लिए शरणस्थल के लिए पहचान बना चुका है. पाकिस्तान दुनिया को गुमराह करता है. वो आतंकियों को लेकर झूठ बोलता है.'

कॉन्‍फ्रेंस को विदेश सचिव के साथ भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संबोधित किया.

कश्‍मीर को बर्बाद करना चाहते थे आंतंकी!

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला बर्बरतापूर्ण था. आतंकियों ने परिवार के सामने गोली मारी. हमला करने वाला TRF लश्कर से जुड़ा था. हमला कर कहा गया कि सूचना दे दो. ये कश्‍मीर में फल-फूल रहे टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश थी, ताकि इस जमीन को दहशतगर्दी के लिए इस्‍तेमाल किया जा सके. भारत ने इस कोशिश को नाकाम किया.

'भारत ने अपने अधिकार का इस्‍तेमाल किया'

पाक अधिकृत कश्‍मीर और पाकिस्‍तान की सीमा के अंदर आतंकी ठिकानों पर किए गए एयर स्‍ट्राइक को लेकर विदेश सचिव ने कहा कि आज भारत ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया. हमने नपी तुली कार्रवाई की. हमने जवाब देने के अधिकार का प्रयोग किया. आतंकी ढांचे को खत्म करने का टारगेट लेते हुए इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

'25 मिनट में 21 आतंकी ठिकाने तबाह'

लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, '1:05 बजे हमला किया गया. ये ऑपरेशन रात 1:30 बजे तक चला. 9 जगहों पर कुल 21 ठिकानों पर हमला किया गया. खुफिया सूचनाओं के आधार पर टारगेट किए गए. साजिशकर्ताओं को निशाना बनाया गया. हमले पाकिस्तान और पीओके दोनों में किए गए. नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया. सबसे पहले सवाईनाला कैंप को निशाना बनाया गया. जैश और लश्कर के ठिकानों पर हमला किया गया. पाकिस्तान के सियालकोट में सरजल कैंप को भी निशाना बनाया गया, जहां हिज्बुल का अड्डा था.'

'सैन्‍य ठिकाने और आम लोगों को नुकसान नहीं'

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में हमले सटीक थे, सभी लक्ष्यों को नष्ट कर दिया गया. इस दौरान किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया. भारतीय सशस्त्र बल किसी भी पाकिस्तानी दुस्साहस के लिए पूरी तरह तैयार थे. उन्‍होंने कहा, 'किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया. अभी तक नागरिकों को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है.'

आतंक पर बेनकाब हुआ पाकिस्‍तान

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि हमलों के एक पखवाड़े के बाद भी पाकिस्तान ने आतंकी ठिकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसके विपरीत भारत पर ही बेबुनियाद आरोप लगाए. वो संयुक्‍त राष्‍ट्र भी गया और इस मुद्दे के अंतरराष्‍ट्रीयकरण की कोशिश की, जो कि नाकाम हुई.

उन्‍होंने कहा, 'पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मॉड्यूल पर हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया. भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं, इसलिए इनसे निपटना जरूरी हो गया.'

10 प्‍वाइंट में पढ़ें प्रेस कॉन्‍फ्रेंस का सार

  • पहलगाम आतंकी हमला: 22 अप्रैल 2025) को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई.

  • हमले की क्रूरता: हमलावरों ने पीड़ितों को उनके परिवारों के सामने सिर पर गोली मारकर मार डाला, जिससे परिवार के सदस्यों को जानबूझकर मानसिक आघात पहुंचाया गया.

  • आतंक का उद्देश्य: इस हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में लौट रही सामान्य स्थिति और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना था.

  • सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश: ये हमला जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की मंशा से भी प्रेरित था.

  • TRF की भूमिका: ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक छद्म संगठन है.

  • भारत की अंतरराष्ट्रीय पहल: भारत ने पहले से ही संयुक्त राष्ट्र 1267 कमेटी को TRF और अन्य आतंकी संगठनों के बारे में रिपोर्ट दी थी और पाकिस्तान की ओर से TRF का नाम हटवाने के दबाव की आलोचना की थी.

  • पाकिस्तान की भूमिका: जांच से पता चला कि हमलावरों के पाकिस्तान से संपर्क थे. पाकिस्तान अभी तक इन आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है.

  • ऑपरेशन सिंदूर: आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई के तहत 6-7 मई की रात भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सीमा पार स्थित आतंकी ढांचों को निशाना बनाया.

  • ऑपरेशन की प्रकृति: ये कार्रवाई सटीक, संतुलित, गैर-उत्तेजक और जिम्मेदारीपूर्ण रही, जिसका उद्देश्य संभावित आतंकियों को निष्क्रिय करना और आतंक के अड्डों को खत्म करना था.

  • संयुक्त राष्ट्र का भी समर्थन: 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बयान जारी कर हमले की निंदा की और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया था, भारत की कार्रवाई इसी संदर्भ में की गई.

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत आतंकी हमलों के वीडियो से हुई. इसमें पहलगाम में हुए हमले को भी दिखाया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. वीडियो में बताया गया कि एक दशक में हुए आतंकी हमलों में 350 भारतीयों की जानें जा चुकी हैं.

Also Read: ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने दिया पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब, भारतीय सेना की पाकिस्तान पर स्ट्राइक