PM मोदी ने किया 'ग्रामीण भारत महोत्सव 2025' का शुभारंभ, कहा- गांव के रास्ते से राष्ट्र के विकास के लिए काम जारी

ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए 4 से 9 जनवरी के बीच ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है.

Source: NDTV Profit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025' का उद्घाटन किया, जो दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है. ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए 4 से 9 जनवरी के बीच इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.

कार्यक्रम में जनजातीय उत्पाद, पूर्वोत्तर से आए उत्पाद और ग्रामीण भारत के उत्पादों से जुड़े स्टॉल लगाए गए हैं. साथ ही अलग-अलग विषयों पर तमाम चर्चाएं भी की जाएंगी. महोत्सव का आदर्श वाक्य 'गांव बढ़े, तो देश बढ़े' रखा गया है.

ग्रामीणों को गरिमापूर्ण जीवन देना हमारी प्राथमिकता- PM मोदी

भारत मंडपम में आयोजित ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025' के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण भारत महोत्सव को भारत की विकास यात्रा का परिचय बताया, साथ ही ग्रामीणों को गरिमापूर्ण जीवन देने के अपनी सरकार के उद्देश्य को दोहराया.

उन्होंने पूंजी की कमी के चलते ग्रामीणों को आने वाली समस्याओं को लेकर भी बात रखी और ग्रामीणों को सशक्त बनाने और ज्यादा अवसर देने की बात कही.

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए करोड़ों लोगों को घर देने, आयुष्मान भारत, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत अभियान जैसी योजनाओं से गांव में मूलभूत आवश्यकताओं को उपलब्ध कराए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाने की जरूरत है.

ग्रामीण भारत का अहम हिस्सा हैं किसान, मदद देने के लिए उठाए कई कदम

ग्रामीण भारत में किसानों को मजबूत करने पर चर्चा करते हुए PM ने बताया कि सरकार PM फसल योजना को एक साल के लिए आगे बढ़ा चुकी है. साथ ही DAP में सब्सिडी बढ़ाकर दाम को स्थिर रखा गया है. साथ ही PM किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) से देशभर के किसानों को 3 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गई है और बीते 10 साल में कृषि लोन की राशि साढ़े तीन गुना हुई है. इतना ही नहीं अब मतस्यपालकों और पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जा चुकी है.

गांव में अब ज्यादा खर्च कर रहे हैं लोग

पीएम ने HCES सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि 2011 की तुलना में अब ग्रामीण भारत में खपत तीन गुना बढ़ी है. पहले जहां कमाई का आधा हिस्सा खाने-पीने पर खर्च होता था, अब आजादी के बाद पहली बार खाने-पीने पर खर्च 50% से कम हुआ है. मतलब गांव के लोग अब अपने शौक, जीवनशैली को सुधारने वाली और जरूरत की अन्य चीजों पर भी खर्च कर रहे हैं. अब शहर और ग्रामीण खपत का अंतर भी कम हुआ है.

उन्होंने अपने 10 साल के कार्यकाल में 25 करोड़ लोगों के गरीबी से बाहर आने की बात कही. PM ने SBI की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए 2012 में भारत में ग्रामीण गरीबी 26% थी. ये 2024 में घटकर 5% से कम पर पहुंच गई है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कोऑपरेटिव्स और महिलाओं के स्व सहायता समूहों में भागीदारी की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि अब तक 1 करोड़ 15 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाया गया है. सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है.

ग्रामीण भारत में बढ़ती डिजिटल और टेलीकम्युनिकेशन एक्सेस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब देश के 94% ग्रामीण परिवारों में टेलीफोन और मोबाइल सेवा उपलब्ध है.

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