पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ग्लोबल लीडर बनकर उभरे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्त्र पर उनका रुतबा लगातार बढ़ा है. विदेशी धरती से मिलने वाले सर्वोच्च नागरिक सम्मान, इस बात का प्रमाण हैं कि PM मोदी की छवि वैश्विक स्तर पर सर्वमान्य नेता के तौर पर स्थापित हुई है.
अभी हांल ही में PM मोदी को डोमिनिका और गुयाना की सर्वोच्च नागरिक सम्मान और नाइजीरिया का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान मिला है.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब PM मोदी को किसी देश ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया हो, पिछले 10 साल में अब तक कुल 19 बार PM मोदी को सम्मानित किया जा चुका है.
इनमें विश्व की 2 महाशक्तियों रूस और अमेरिका के अलावा अफगानिस्तान, मालदीव, फिलीस्तीन, इजिप्ट, बहरीन और UAE जैसे मुस्लिम राष्ट्र भी शामिल हैं.
इसके साथ ही सबसे ज्यादा बार विदेशी संसद को संबोधित करने का रिकॉर्ड भी PM मोदी के नाम ही है. ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के पार्लियामेंट को भी PM मोदी संबोधित कर चुके हैं.
2016 में मिला पहला विदेशी सर्वोच्च सम्मान
अप्रैल 2016 में सउदी अरब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द किंग अब्दुल्लाजीज साश' से सम्मानित किया था. ये किसी विदेशी और मुस्लिम देश से नागरिक सम्मान पाने का PM मोदी का पहला मौका था.
PM मोदी से पहले से ये सम्मान जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी दिया जा चुका है.
जब अफगानिस्तान से मिला सम्मान
4 जून 2016 को PM मोदी अफगानिस्तान के दौरे पर थे, वहां उन्होंने हेरांत राज्य में सलमा डैम का उद्घाटन किया था, जिसका निर्माण अफगानिस्तान ने 1700 करोड़ रुपये की लागत और भारत सरकार की मदद से किया था.
इस मौके पर राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'आमिर अमानुल्लाह खान' से नवाजा था.
लगातार 4 मुस्लिम देशों ने किया सम्मानित
सउदी अरब और अफगानिस्तान के बाद फिलीस्तीन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी PM मोदी को सम्मानित किया.
फरवरी 2018 में PM मोदी फिलिस्तीन के दौरे पर थे. उस समय फिलिस्तीन जाने वाले वो पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे.
तब वहां के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन’ सम्मान से सम्मानित किया था.
इसके बाद अप्रैल 2019 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी PM मोदी को 'ऑर्डर ऑफ जायद' देने की घोषणा की थी.
रूस-अमेरिका ने भी किया सम्मानित
इस साल जुलाई में रूस ने PM मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयु द एपोस्टल' से नवाजा. भारत-रूस के आपसी संबंधो की मजबूती के लिए रूस ने PM मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा साल 2019 में की थी.
वहीं 21 दिसंबर 2020 में कोरोना महामारी के समय अमेरिका ने भी अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'लीजन ऑफ मेरिट' से PM मोदी को सम्मानित किया था.
2023 में 5 देशों ने किया सम्मानित
पिछले साल फ्रांस समेत 5 देशों ने PM मोदी को सम्मानित किया था. 2023 में पलाऊ के एबाक्ल अवॉर्ड से, फिजी के कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी पुरस्कार से, पापुआ न्यू गिनी के ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू से, मिस्र के ऑर्डर ऑफ नाइल सम्मान से 2023 में फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से PM मोदी नवाजे जा चुके हैं.
2024 में मिले 5 नागरिक सम्मान
इस साल मार्च में भूटान ने PM मोदी को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से सम्मानित किया था, जिसकी घोषणा 2021 में की गई थी. ये सम्मान पाने वाले PM मोदी पहले भारतीय हैं.
अभी हाल-फिलहाल में कोरोना काल में मदद का हाथ बढ़ाने के लिए डोमिनिका ने PM मोदी को डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ और गुयाना ने ‘ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से नवाजा. बारबाडोस ने भी अपना सर्वोच्च सम्मान देने का ऐलान किया है.
UN और बिल गेट्स कर चुके हैं सम्मानित
PM मोदी को 2018 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'UN चैंपियन ऑफ द अर्थ' अवार्ड दिया गया था. इसके बाद 2019 में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से स्वच्छ भारत अभियान के लिए ‘ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था.
14 बार विदेशी संसदों को संबोधन
सबसे ज्यादा बार विदेशी संसदों को संबोधित करने का खिताब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम है. PM मोदी ने 14 बार विदेशी संसद में वहां के सांसदों को संबोधित किया. अमेरिका में PM मोदी ने दो बार संसद को संबोधित किया है.
इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फिजी, मॉरिशस, युगांडा, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मंगोलिया, अफगानिस्तान और मालदीव की संसद को भी PM मोदी ने संबोधित किया है.
इससे पहले PM रहते हुए मनमोहन सिंह ने 7 बार, इंदिरा गांधी ने 4 बार, जवाहरलाल नेहरू ने 3 बार, जबकि मोरारजी देसाई और PV नरसिम्हा राव ने 1-1 बार विदेशी संसदों में संबोधन दिया है.