दिल्ली के प्रगति मैदान में पुनर्विकसित किया गया आईटीपीओ कॉम्प्लेक्स (ITPO) कॉम्प्लेक्स आज से देश को समर्पित हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (IECC) परिसर का उद्घाटन करेंगे. इसे दुनिया के टाॅप टेन कॉन्फ्रेंस हाॅल में शामिल किया गया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का दावा है कि ये दुनिया के अग्रणी प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों में से एक होगा. इसी परिसर में सितंबर में G-20 नेताओं की बैठक प्रस्तावित है.
कहा जा रहा है कि ये 'एग्जीबिशन सह कन्वेंशन सेंटर' जर्मनी के हनोवर प्रदर्शनी केंद्र और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन सह कॉन्फ्रेंस सेंटर को टक्कर देगा. अब तक दिल्ली के सभी बड़े कॉन्फ्रेंस विज्ञान भवन में ही होते थे, लेकिन अब IECC के रूप में बड़ा विकल्प होगा.
2700 करोड़ रुपये में बनाया गया सेंटर
इस इंटीग्रेटेड एग्जीबिशन कम कन्वेंशन सेंटर को 123 एकड़ के प्रगति मैदान परिसर में लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. कन्वेंशन सेंटर को प्रगति मैदान परिसर के बीच में विकसित किया गया है.
क्या है इसकी खासियतें?
ये हाॅल 123 एकड़ में फैला हुआ है, जो कि आयोजनों के लिए सबसे बड़ी जगह साबित होगी.
यहां एक हॉल में 7,000 लोग बैठ सकते हैं, जो कि सिडनी के ओपेरा हाउस से काफी ज्यादा क्षमता वाला है.
इसमें मेगा कन्वेंशन सेंटर भी है, जिसमें 4 फ्लोर हैं, 24 मीटिंग रूम हैं और 2 ऑडिटोरियल भी बने हैं.
यहां 3 PVR सिनेमा हाॅल के बराबर करीब 3,000 की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर भी है.
इसकी पार्किंग में करीब 4800 वाहन एक साथ खड़े किए जा सकते हैं.
इमारत का अंडाकार आकार शंख से प्रेरित है, जबकि इसकी दीवारों और अग्रभागों में पारंपरिक कलाओं के नमूने हैं.
इन कलाओं में दर्शाए गए विषयों में ‘सूर्य शक्ति’ शामिल है, जो सौर ऊर्जा की दिशा में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डालता है. वहीं ‘पंच महाभूत’, पांच तत्वों- 'धरती, जल, अग्नि, आकाश, वायु' पर प्रकाश डालता है.
इसे बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, सम्मेलनों, व्यापार मेलों और अन्य बड़े कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए डिजाइन किया गया है. अपनी खासियतों को लेकर इन दिनों ये खूब चर्चा में है.