RIP Ratan Tata: रतन टाटा ने आधुनिक भारत की राह को दोबारा परिभाषित किया, उनके जैसे महापुरुष कभी ओझल नहीं होते: गौतम अदाणी

टाटा महज एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उनमें सत्यनिष्ठा, दयाभाव और व्यापक भलाई के लिए अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना समाई थी: गौतम अदाणी

प्रतीकात्मक फोटो

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्हें मंगलवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. रतन टाटा को याद करते हुए अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने रतन टाटा को आधुनिक भारत का पथ प्रदर्शक बताया है.

उन्होंने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर लिखा, 'भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है, जिसने आधुनिक भारत की राह को दोबारा परिभाषित किया. टाटा महज एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उनमें सत्यनिष्ठा, दयाभाव और व्यापक भलाई के लिए अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना समाई थी. उनके जैसे महापुरुष कभी ओझल नहीं होते. ओम शांति'

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ. टाटा घराने में वे चौथी पीढ़ी में थे. उनके पिता नवल टाटा को रतनजी टाटा ने गोद लिया था. रतनजी, टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के बेटे थे. रतन टाटा की मां का नाम सूनी टाटा था.

रतन टाटा ने 1962 में टाटा स्टील (TELCO) के साथ अपना करियर शुरू किया था. खुद घराने के अहम सदस्य होने के बावजूद उन्होंने पहले शॉप फ्लोर पर काम कर प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस लिया, इस अपरेंटिस के बाद उन्होंने तमाम ऊंची पोजीशंस संभालीं.

यहां से बढ़ते हुए वे नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (NELCO) में डायरेक्टर के पद पर पहुंचे. इन 9 सालों में उन्होंने हर लेवल पर अपने काम को बेहतर किया. 1991 में JRD टाटा ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. उनके कार्यकाल में ग्रुप सही मायनों में एक मल्टी नेशनल कॉरपोरेशन बना.

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