RBI Monetary Policy: लगातार दूसरी बार नहीं बढ़ीं ब्याज दरें, रेपो रेट 6.5% पर बरकरार

अप्रैल की पॉलिसी में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था और इसे 6.5% पर बरकरार रखा था. रिजर्व बैंक मई 2022 से लगातार 6 बार ब्याज दरें बढ़ा चुका है.

Source: Reuters

RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है. मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने का फैसला किया गया है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर हमारे उठाए गए कदमों का असर दिख रहा है, इसलिए हमने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है.

अकोमोडेशन रुख को वापस लेने के फैसले पर रिजर्व बैंक कायम है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि 6 में से 5 सदस्यों ने अकोमोडेशन की वापसी रुख (withdrawal of accommodation) को लेकर अपनी सहमति जताई है.

रेपो रेट में बदलाव नहीं, 6.5% पर बरकरार

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास पॉलिसी का ऐलान करते हुए बताया कि MPC के सभी सदस्यों ने एकमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. रिवर्स रेपो रेट और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.

रिजर्व बैंक गर्वनर ने कहा कि केंद्रीय बैंक बदलते माहौल पर नजर बनाए हुए है, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय इकोनॉमी स्थिर और मजबूत है. दुनिया के कई देशों में महंगाई अब भी रेंज के ऊपर है. दुनिया भर के बाजार बदलते हालातों पर नजर बनाए हुए हैं.

इसके पहले अप्रैल की पॉलिसी में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा था. साथ ही स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट को 6.25% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट को भी बिना बदलाव के 6.75% पर रखा था. इस बार जून की पॉलिसी में भी इन दोनों दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% पर बरकरार

रिजर्व बैंक गवर्नर ने वित्त वर्ष 2024 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान का 6.5% पर बरकरार रखा है. पहली तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.8% से बढ़ाकर 8% कर दिया है, दूसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5%, तीसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6% और चौथी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 5.7%.

FY24 में महंगाई में नरमी का अनुमान

रिजर्व बैंक ने FY24 में CPI 5.2% से घटकर 5.1% रहने का अनुमान जताया है. पहली तिमाही में CPI 4.6%, दूसरी तिमाही में  5.2%, तीसरी तिमाही में  5.4% और चौथी तिमाही में 5.2% रहने का अनुमान जताया है.

'हमने महंगाई को काबू करने, ग्रोथ बढ़ाने और फाइनेंशियल सेक्टर में स्थिरता लाने में अच्छी तरक्की की है. भारत की ग्रोथ में तेजी लौटी है, महंगाई भी कम हो रही है. इससे हमें ये भरोसा मिला है कि हमारी पॉलिसी सही दिशा में है. हमेशा किसी भी सफर का आखिरी दौर मुश्किल होता है.'
शक्तिकांता दास, RBI गवर्नर

बीती दो पॉलिसी से रेपो रेट को पॉज करने से पहले रिजर्व बैंक दरों को लगातार 6 बार बढ़ाया था. पिछले साल मई से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है, इन लगातार इजाफों के बाद रेपो रेट 4% से बढ़कर 6.50% हो चुका है. रेपो रेट वो दर होती है जिस पर RBI, बैंकों को लोन देता है.

स्ट्रेस्ड लोन के लिए नए नियम

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने बैंकों के स्ट्रेस्ड लोन को लेकर बड़ा ऐलान किया, उन्होंने बताया कि ऐसे लोन की देखरेख के लिए नई गाइडलाइंस लाई जाएंगी, जिसमें इन कर्जों के सेटलमेंट और राइट ऑफ से जुड़े नियम होंगे. इसके अलावा डिजिटल लेंडिंग में डिफॉल्ट लॉस गारंटी के लिए भी गाइडलाइंस लाई जाएंगी. इसके अलावा शहरी सहकारी बैंकों के लिए प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समयसीमा दो साल के बढ़ाई गई है