सहारा ग्रुप के निवेशकों को जल्द ही अपना फंसा हुआ पैसा वापस मिल सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका को मंजूर कर लिया है. इस याचिका में सरकार ने कहा था कि सहारा-सेबी के 24,000 करोड़ रुपये के कुल फंड में से 5,000 करोड़ रुपये का आवंटन तुरंत किया जाए ताकि निवेशकों का पैसा लौटाया जा सके.
इस याचिका के मंजूर होने के बाद 1.1 करोड़ निवेशकों को उनका पैसा मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
पूर्व जज की निगरानी में लौटेगा पैसा
कोर्ट ने ये निर्देश पिनाक पानी मोहंती की जनहित याचिका पर केंद्र की ओर से दायर एक आवेदन पर दिया है. मोहंती ने चिट फंड कंपनियों और सहारा क्रेडिट फर्म्स में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की थी.
जस्टिस MR शाह और CT रविकुमार की बेंच ने कहा कि ये पैसा सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों की ओर से ठगी के शिकार डिपॉजिटर्स को लौटाई जाएगा. ये प्रक्रिया शीर्ष अदालत के पूर्व जज R सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा समूह की दो कंपनियों, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे, जिसमें सहारा समूह की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे. केंद्र सरकार ने उसी खाते से राशि जारी करने की सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.