दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्य भीषण गर्मी की चपेट में हैं. दिल्ली-NCR में हालात और बुरे हैं. सुबह जल्दी निकल रही धूप, दोपहर में कहर बरपा रही है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, दिल्ली में शुक्रवार तक भीषण गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है.
राजधानी में हीटवेव की स्थिति को देखते हुए IMD ने 5 दिन के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है. वहीं पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है. उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी की स्थिति जारी रहने की संभावना है, जबकि उत्तरी मध्य प्रदेश और गुजरात में भी भीषण गर्मी रहेगी. उत्तर प्रदेश, बिहार में भी लोग गर्मी से बेहाल हैं.
दिल्ली में बढ़ी बिजली की मांग
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के कुछ हिस्सों में सोमवार को पारा 47 डिग्री को पार कर गया. सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में दूसरा सबसे अधिक अधिकतम तापमान रहा, जो सामान्य से 3.7 डिग्री अधिक था. वहीं नजफगढ़ में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री पहुंच गया था.
चिलचिलाती गर्मी की वजह से दिल्ली में बिजली की मांग, मई में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDC) की वेबसाइट पर एवलेबल आंकड़ों के अनुसार, सोमवार की दोपहर 3:33 बजे बिजली की अधिकतम मांग 7,572 मेगावाट पर पहुंच गई थी, जो मई में अब तक की सर्वाधिक मांग है. पिछले साल 22 अगस्त को बिजली की अधिकतम मांग 7,438 मेगावाट तक पहुंच गई थी.
तत्काल प्रभाव से बंद हों स्कूल
दिल्ली सरकार ने उन स्कूलों को तत्काल प्रभाव से कक्षाएं बंद करने को कहा है जो गर्मी की छुट्टियों के बावजूद इसे आयोजित कर रहे हैं. शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर में कहा कि सभी स्कूलों को 11 मई से 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश (गर्मी की छुट्टी) रखने का निर्देश दिया गया है. सभी सरकारी स्कूल 11 मई से बंद हैं. फिर भी ये देखा गया है कि कुछ सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूल भीषण गर्मी के दौरान भी खुले हैं. उन्हें तत्काल प्रभाव से स्कूल बंद करने की सलाह दी जाती है.
उधर, दक्षिण भारत में बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक, 23 मई तक दक्षिण भारत में बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. केरल में सोमवार से बारिश शुरू हो गई है और यहां दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. भारी बारिश के बीच भूस्खलन और बीमारी की आशंका के बीच इमरजेंसी सेंटर्स और अस्पतालों को स्टैंडबाय पर रखा गया है.
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर 22 मई के आसपास कम दबाव क्षेत्र बनने के आसार हैं. शुरुआत में इस दबाव के उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और फिर 24 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर में कमजोर होने की संभावना है. कोलकाता और आसपास के इलाकों में सोमवार को दिनभर बारिश हुई है. कई अन्य इलाकों के लिए भी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है.