भारत समेत दुनिया की 5 बढ़ती इकोनॉमी के संगठन BRICS का परिवार अब और बड़ा हो गया है. अर्जेंटीना (Argentina), ईरान (Iran), मिस्र (Egypt), इथियोपिया (Ethiopia ) सऊदी अरब (Saudi Arabia) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इसके नए सदस्य बने हैं. ये सभी 1 जनवरी 2024 से ब्रिक्स के आधिकारिक सदस्य होंगे.
ब्रिक्स (BRICS) भारत, रूस, चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका का संगठन है. नए सदस्यों के जुड़ने के बाद इस संगठन को ब्रिक्स प्लस (BRICS+) कहा जाएगा. साउथ अफ्रीका में इन दिनों BRICS का शिखर सम्मेलन चल रहा है.
संगठन विस्तार की घोषणा करते हुए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा (Cyril Ramaphosa) ने कहा, 'इस शिखर सम्मेलन ने लोगों के बीच आदान-प्रदान, दोस्ती और सहयोग को बढ़ाने के राजनीतिक और वित्तीय महत्व को साबित किया है.'
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PM मोदी ने किया नए सदस्यों का स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए सदस्यों के जुड़ने पर उनका स्वागत किया. उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि हमारी टीम ने विस्तार के लिए तैयार किए गए गाइडिंग प्रिंसिपल्स, स्टैंडर्ड्स, क्राइटेरिया और प्रक्रियाओं पर आम सहमति बनाई है. इनके आधार पर हम ब्रिक्स में अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और UAE का स्वागत करने पर सहमत हुए हैं.'
PM मोदी ने इन देशों के नेताओं और नागरिकों को बधाई दी.
अमेरिका विरोधी संगठन बनने की राह पर ब्रिक्स!
अंतरराष्ट्रीय संबंधों के जानकार डॉ निरंजन कुमार ने BQ Prime हिंदी से बातचीत में कहा, 'अर्जेंटीना और ईरान दो ऐसे देश हैं जिन्हें अमेरिका का दुश्मन माना जाता है. इस संगठन में पहले से ही अमेरिका के दो विरोधी देश, रूस और चीन शामिल हैं. अब ईरान और अर्जेंटीना के शामिल होने से इकोनॉमिक को-ऑपरेशन वाला संगठन पूरे तौर पर अमेरिका विरोधी होने की राह पर है.'
उन्होंने कहा, 'ब्राजील को इस बात की आशंका है कि ब्रिक्स अगर पश्चिम विरोधी संगठन बन गया तो अमेरिका और यूराेप में उसे नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए काफी समय तक उसने इस विस्तार का विरोध किया था.' बहरहाल कई और भी देश हैं, जो इस संगठन में जुड़ना चाहते हैं.
कई देशों ने जताई रुचि
साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग स्थित सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन- 2023 चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका दौरे पर हैं. दक्षिण अफ्रीका का कहना है कि 40 से अधिक देशों ने BRICS में शामिल होने में रुचि व्यक्त की है और 22 देशों ने औपचारिक रूप से इसमें शामिल होने के लिए कहा है.