Morocco Earthquake: अफ्रीकी देश मोरक्को में शुक्रवार की देर रात आए भूकंप के चलते अब तक 1,037 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,200 से ज्यादा लोग घायल हैं. मोरक्को जियोलॉजिकल सेंटर के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 7.2 थी. वहीं US जियोलॉजिकल सर्वे (US-GS) ने अपनी वेबसाइट पर इसकी तीव्रता 6.8 बताई है. इस भूकंप को इलाके में 120 साल में आया सबसे ताकतवर भूकंप बताया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने G20 समिट के उद्घाटन सत्र के दौरान इस घटना पर दु:ख जताया और कहा कि इस संकट की घड़ी में भारत हर तरह की मदद के लिए तैयार है. इससे पहले उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट X पर लिखा, 'मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुख हुआ. इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं.'
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, 'उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है.' घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हुए उन्होंने कहा, 'भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.'
हाई एटलस पर्वत श्रृंखला में भूकंप का केंद्र
भूकंप का केंद्र, माराकेच से लगभग 75 किलोमीटर (47 मील) दक्षिण-पूर्व में मोरक्को के हाई एटलस पर्वत श्रृंखला में ओउकेमेडीन शहर के पास था. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मोरक्को के स्टेट टेलीविजन ने बताया कि भूकंप की वजह से कई इमारतें ढह गईं हैं.
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल माराकेच में पुराने शहर को घेरने वाली प्रसिद्ध लाल दीवारों के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए. मोरक्को के लोगों और पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए, जिसमें कुछ इमारतें मलबे में तब्दील दिख रही हैं.
1900 के बाद पहला भयावह भूकंप
रिपोर्ट के मुताबिक, पुर्तगाल और स्पेन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. मोरक्को के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स के निदेशक नासिर जाबोर ने राष्ट्रीय प्रसारक SNRT पर कहा कि अल हाउज क्षेत्र में भूकंप के केंद्र में कमजोर झटके दर्ज किए गए. जाबोर ने नागरिकों से शांत रहने का आग्रह किया. US-GS ने कहा कि क्षेत्र में इस आकार के भूकंप दुर्लभ हैं।
1900 के बाद से, इलाके के 500 किलोमीटर के भीतर 6 तीव्रता से अधिक का कोई भूकंप नहीं आया है. 1960 में अगाडिर के निकट पश्चिम में 5.8 तीव्रता वाले भूकंप में हजारों लोगों की मौत हो गई थी.