अमेरिका की एक अपील कोर्ट ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ग्लोबल टैरिफ पर इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट के फैसले को फिलहाल के लिए रोक दिया है. कोर्ट ने गुरुवार को अस्थाई राहत (Administrative Stay) देते हुए कहा कि वो इस फैसले पर अंतिम निर्णय से पहले सरकार की अपील पर विचार करेगी.
अमेरिकी Court of International Trade ने 28 मई को फैसला सुनाया था कि ट्रंप ने 1977 के इमरजेंसी कानून की सीमाओं को पार करते हुए 'लिबरेशन डे' के नाम पर टैरिफ लगाए, जो अवैध हैं. इस फैसले से ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी को बड़ा झटका लगा था.
फिलहाल ट्रंप के ग्लोबल टैरिफ बने रहेंगे, लेकिन अंतिम फैसला आने तक कानूनी अनिश्चितता बनी रहेगी. कोर्ट में अगली सुनवाई इस मामले की दिशा तय करेगी.
अपील कोर्ट ने क्यों दी राहत?
गुरुवार को Federal Circuit Appeals Court ने 11 जजों की बेंच के जरिए अस्थायी राहत दी. जस्टिस डिपार्टमेंट ने दलील दी थी कि ये फैसला अमेरिका की विदेश नीति में दखल देता है और ट्रंप के विशेषाधिकार को चुनौती देता है. इसी आधार पर कोर्ट से अपील की गई थी कि इसे रोका जाए.
दोहरी कानूनी चुनौती
जहां एक तरफ अपील कोर्ट ने राहत दी है, वहीं वॉशिंगटन की एक अलग अदालत ने ट्रंप के चीन सहित कई देशों के साथ व्यापारिक टैरिफ को अवैध करार दिया है. यह मामला एक फैमिली टॉय मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने दायर किया था. हालांकि, कोर्ट ने सरकार को अपील करने के लिए 14 दिन का समय भी दिया है.
अब आगे क्या होना है?
फेडरल सर्किट कोर्ट ने कहा है कि वह 9 जून तक इस मामले पर विस्तृत सुनवाई करेगा. यदि निचली अदालत का फैसला बरकरार रहता है, तो ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की योजना भी बना रहा है.
इस केस में याचिकाकर्ताओं में शामिल कनेक्टिकट के अटॉर्नी जनरल विलियम टोंग ने कहा, 'ये अस्थायी स्टे असली तस्वीर को नहीं बदलता- ट्रंप ने झूठा इमरजेंसी बताकर एक अवैध व्यापार युद्ध छेड़ा था.'
जस्टिस डिपार्टमेंट ने कोर्ट में कहा कि ट्रंप के टैरिफ अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए वैध इमरजेंसी का हिस्सा थे. और यदि इन्हें हटाया गया तो अमेरिका को 'अपूरणीय क्षति' हो सकती है.