China-US Trade War: अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर और भी तेज हो गया है. अमेरिका ने अब चीन से आने वाले कई प्रॉडक्ट्स पर 245% तक टैरिफ यानी आयात शुल्क लगाने की बात कही है. व्हाइट हाउस ने बयान में कहा है कि अब चीन को अमेरिका में सामान भेजने पर 245% तक टैक्स देना पड़ सकता है.
इस पर चीन ने भी अपना रुख साफ किया है. चीन ने फिर से स्पष्ट किया है कि वो डरने वाला नहीं है. उसने चेताया कि वो अमेरिका से ट्रेड वॉर लड़ने से नहीं डरता. हालांकि उसने संवाद की जरूरत पर एक बार फिर बल दिया है.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
245% टैक्स से जुड़ी रिपोर्ट पर सवाल पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बुधवार को कहा, 'सटीक टैरिफ रेट जानना हो तो अमेरिका से पूछिए.'
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिन जियान ने कहा कि चीन पहले भी कई बार इस मुद्दे पर अपना स्पष्ट और गंभीर रुख जाहिर कर चुका है.
उन्होंने कहा कि टैरिफ युद्ध की शुरुआत अमेरिका ने की थी. चीन ने अपने वैध अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय न्याय की रक्षा के लिए जो कदम उठाए हैं, वे पूरी तरह से उचित और कानूनी हैं. लिन ने ये भी कहा कि 'टैरिफ और ट्रेड वॉर में किसी की जीत नहीं होती. चीन इन संघर्षों से बचना चाहता है, लेकिन डरता नहीं है.'
अगर अमेरिका वाकई बातचीत और समझौते के जरिए इस मुद्दे को सुलझाना चाहता है, तो उसे दबाव बनाना, धमकी देना और ब्लैकमेल करना बंद करना चाहिए.
लिन जियान ने कहा, 'अमेरिका को चीन से समानता, सम्मान और आपसी फायदे के आधार पर बात करनी चाहिए.'
दोनों देशों की जवाबी कार्रवाई
व्हाइट हाउस की एक फैक्ट शीट के मुताबिक, चीन से अमेरिका में आने वाले सामानों पर अब 245% तक टैक्स लगाया जा सकता है. ये फैसला चीन की 'जवाबी कार्रवाई' के बाद लिया गया है. दरअसल, चीन ने हाल ही में अपने एयरलाइंस को आदेश दिया था कि वे अमेरिकी कंपनी Boeing के नए विमान न लें और अमेरिका से विमान से जुड़ा कोई उपकरण या पार्ट्स न खरीदें. इस पर अमेरिका ने चीन को बड़ा झटका देते हुए भारी टैक्स की घोषणा कर दी.
ट्रंप की रणनीति, चीन करे पहल
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप फिलहाल चीन से व्यापार समझौते को लेकर खुले हैं, लेकिन उनकी शर्त है कि पहला कदम चीन को उठाना होगा. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लेविट ने कहा, 'ट्रंप ने साफ कहा है- हमें चीन से डील करने की जरूरत नहीं है, चीन को अमेरिका से डील करनी है.'
उन्होंने आगे कहा कि चीन को हमारी जरूरत है, क्योंकि उन्हें हमारा कंज्यूमर चाहिए. यानी अमेरिकी लोग और उनकी परचेजिंग पावर.' ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कई मौकों पर तारीफ भी की है, लेकिन मौजूदा टैरिफ वॉर में दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.