अभी तक सुर्खियों से दूर रहने वाले पावेल दुरोव खबरों में छाए हुए हैं, लेकिन अच्छे कारणों से नहीं बल्कि गंभीर आरोपों और विवाद की वजह से. आज से पहले अगर आपने पावेल दुरोव का नाम नहीं सुना तो जान लीजिए कि ये टेलीग्राम के फाउंडर हैं, और आजकल फ्रांस की हिरासत में हैं. उनकी गिरफ्तारी के पीछे ये आरोप हैं कि प्लेटफॉर्म का अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग ट्रैफिकिंग और बाल यौन शोषण की तस्वीरों के वितरण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
आखिर कौन हैं ये पावेल दुरोव, एक सरसरी नजर उनकी जिंदगी पर डालते हैं.
रूस और फ्रांस दोनों देशों की नागरिकता
पावेल दुरोव का जन्म 1984 में रूस में हुआ था. दुरोव के पास फ्रांस की नागरिकता भी है. टेलीग्राम से पहले दुरोव ने साल 2006 में सोशल मीडिया साइट VKontakte की शुरुआत की थी. ये रूस में अब भी बहुत लोकप्रिय है. हालांकि उनका साइट के नए मालिकों के साथ उसके ऑपरेशन को लेकर बड़ा टकराव हुआ, जिसके बाद 2014 में उन्होंने कंपनी छोड़ दी.
पावेल को एक आजाद ख्याल व्यक्तित्व के तौर पर जाना जाता है, उन्हें किसी के दबाव में आकर काम करने पसंद नहीं, इसलिए जब VKontakte पर रूस की सरकार ने विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रेशर बनाया तो उन्होंने उनका आदेश मानने से इनकार कर दिया और कंपनी के साथ रूस भी छोड़ दिया.
साल 2018 में रूस ने टेलीग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि उसने इनक्रिप्टेड संदेशों को सरकार को एक्सेस देने से इनकार कर दिया था.
टेलीग्राम का रूस, यूक्रेन में काफी प्रभाव है, इसलिए जब दोनों ही राष्ट्रों के बीच जंग छिड़ी तो उनकी नजरें टेलीग्राम पर आने वाली सूचनाओं पर रहीं. टेलीग्राम पर इस युद्ध को लेकर एक लंबी बहस चलती थी.
दुरोव के मस्क और जुकरबर्ग से अच्छे संबंध
इसके थोड़े समय बाद ही दुरोव ने टेलीग्राम की शुरुआत की. इस प्लेटफॉर्म के जरिए कम्युनिकेशन और एक्सचेंज किए जा सकते हैं. इसमें एन्क्रिप्शन की प्रोटेक्शन मिलती है, जिससे यहां क्राइम को ट्रैक करना और उससे निपटना बेहद मुश्किल रहता है. हालांकि इसी सुरक्षा की वजह से लोग सरकारों के सामने बिना भय के विरोध भी दर्ज कर सकते हैं.
दुरोव के टेक की दुनिया के दिग्गजों एलन मस्क और मार्क जुकरबर्ग से भी कनेक्शन हैं. उन्हें टेक कम्युनिटी में बड़ा सपोर्ट मिलता है. हालांकि अब प्लेटफॉर्म के सामने कई कानूनी चुनौतियां हैं, यहां तक कि उस देश में भी, जहां वो जन्मे हैं.