भारत में सोने की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है. यहां अक्षय तृतीया, धनतेरस और शादी -विवाह के अवसर पर सोना खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, क्योंकि सोना धन, समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक होने के साथ ही पारंपरिक निवेश का सबसे अच्छा जरिया भी समझा जाता है.
पुरानी कहावत है, हर पीली चीज सोना नहीं होती. आज धनतेरस के मौके पर अगर आप भी सोने की शॉपिंग करने की सोच रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, ताकि आप गलती से भी सोने की शुद्धता से समझौता न कर बैठें. यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं, जिसके जरिए आप सही शुद्धता का सोना खरीद सकेंगे.
सोने की शुद्धता का पैमाना
सोने की शुद्धता को कैरेट में मापते हैं, जैसे 24 कैरेट का गोल्ड सबसे शुद्ध माना जाता है, इसके बाद 22 कैरेट, 18 कैरेट का गोल्ड आता है, जिसमें कुछ दूसरी धातुओं को मिलाया जाता है. आपका सोना कितने कैरेट का है, ये बताने के लिए इसकी शुद्धता को फीसदी में समझिए.
24 K - 99.9% pure gold (999)
22 K - 91.7% pure gold (917)
18 K - 75% pure gold (750)
14 K - 58.3% pure gold (583)
10 K - 41.7% pure gold (417)
अब आप उन तरीकों को जानिए जिनसे आप सोने की शुद्धता को परख सकते हैं. जो बेहद आसान है.
हॉलमार्क देखें
सोने के गहनों पर उनकी कैरेट शुद्धता और प्रामाणिकता को दर्शाने के लिए BSI यानी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की ओर से मुहर लगाई जाती है. इस तरह आप सोने की शुद्धता की जांच कर सकते हैं.
BSI आधिकारिक प्राधिकरण है जो सोने की शुद्धता और प्रामाणिकता की जांच कर गहनों के अंदरूनी भाग में एक तिकोने आकार का चिन्ह लगाते हैं. हॉलमार्किंग को सोने की शुद्धता की गारंटी माना जाता है.
उदाहरण के लिए अगर हॉलमार्क 750 वाला है तो सोना 75% शुद्ध माना जाता है, इसे 18 कैरेट का सोना भी कहा जाता है. इसके साथ ही 916 हॉलमार्क सोना 91.6% शुद्ध होता है इसे 22 कैरेट का सोना कहा जाता है.
रंग और वजन की जांच
देश में सोने की परख के लिए रंग और वजन की जांच एक पुराना तरीका है. उदाहरण के लिए, सोने के टुकड़े का रंग चमकीला पीला और वजन में भारी होता है. इसलिए खरीदारी करते समय वजन और रंग की जांच सावधानीपूर्वक करें. यानी अगर आपके हाथ में सोने का कोई बड़ा टुकड़ा है और उसका वजह हल्की है तो ये मानकर चलिए कि उसमें कुछ मिलावट की गई है.
चुंबकीय जांच
असली सोना गैर-चुंबकीय होता है, इसका मतलब है कि वो चुंबक से नहीं चिपकता. ये परख करने के लिए सोना शुद्ध है या नहीं उसे किसी चुंबक के पास रखिए, अगर सोना चुंबक की ओर खिंचता है तो वो सोना मिलावटी होगा या फिर कम कैरेट का होगा.
स्क्रैच टेस्ट
सोने को पत्थर या सिरेमिक प्लेट पर रगड़ें, अगर सोना असली और शुद्ध होगा तो वो एक सुनहरी चमकीली लकीर छोड़ देगा, और अगर नकली और मिलावटी होगा तो वो काले रंग का निशान छोड़ेगा.
विनेगर टेस्ट
विनेगर यानी सिरका से भी आप घर बैठे सोने की जांच कर सकते हैं, इसके लिए आप सोने के टूकड़े पर विनेगर की कुछ बूंदे डाल दें अगर सोना असली होगा तो उसपर कोई असर नहीं पड़ेगा, वहीं अगर सोना मिलावटी हुआ तो विनेगर की बूंदे पड़ते ही कुछ ही देर में उसका रंग काला पड़ जाएगा.
पानी में डुबाकर देखें
आप पानी की मदद से भी सोने की शुद्धता का पता लगा सकते हैं, इसके लिए एक बर्तन में पानी लें और उसमें सोना डालें अगर सोना असली हुआ तो वो पानी में डूब जाएगा क्योंकि सोना एक उच्च घनत्व वाली धातु है. वो कितना भी हल्का और कितनी भी मात्रा में ही क्यों न हो वो डूब ही जाएगा, अगर सोना पानी में तैरने लगे तो इसका मतलब है कि वो पूरी तरह से शुद्ध नहीं है.