जिन भी NRI और भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों (Overseas Citizens) के पैन, आधार से लिंक करने की डेडलाइन बीत जाने के बाद इन-ऑपरेटिव हो गए थे, उनके चिंता भरे कई सवाल सामने आ रहे थे. इनकम टैक्स विभाग ने इनका जवाब दिया है.
जहां NRI और OCI को अपने आधार को पैन कार्ड के साथ लिंक करने से छूट है. वहीं, उनमें से कुछ ने 30 जून की डेडलाइन बीत जाने के बाद अपने पैन कार्ड के इन-ऑपरेटिव हो जाने को लेकर चिंताएं जाहिर की हैं.
विभाग देखेगा रेजिडेंशियल स्टेटस
अगर NRI ने पिछले तीन साल में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है या अपने पते की सूचना ज्यूरिसडिक्शनल एसेसिंग ऑफिसर (JAO) को दी है, तो विभाग ने उनका रेजिडेंशियल स्टेटस मैप कर रखा है. हालांकि, अगर इन मापदंडों में से कोई पूरा नहीं होता है, तो पैन को इन-ऑपरेटिव मान लिया जाता है.
विभाग ने एक ट्वीट में कहा कि जिन NRI के पैन काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें अपने रेजिडेंशियल स्टेटस की सूचना संबंधित JAO को देने की रिक्वेस्ट की जाती है. उसने कहा कि इन्हें सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स के साथ पैन डेटाबेस में रेजिडेंशियल स्टेटस अपडेट करने की रिक्वेस्ट भेजनी होगी. JAO की डिटेल्स इनकम टैक्स पोर्टल पर मिल जाएगी.
इस स्थिति में भी पैन को समझा जाएगा इन-ऑपरेटिव
दूसरी स्थिति ये हो सकती है कि जहां विदेशी नागरिकों और OCI ने रेजिडेंट स्टेटस के तहत पैन के लिए अप्लाई किया और उन्होंने JAO के साथ अपने स्टेटस को सही या अपडेट नहीं किया है या पिछले तीन एसेसमेंट ईयर में से किसी में भी ITR फाइल नहीं किया है. ऐसे में भी पैन कार्ड को इन-ऑपरेटिव माना जाएगा.
इन OCIs या विदेशी नागरिकों को अपना रेजिडेंशियल स्टेटस, सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स के साथ संबंधित JAO के साथ अपडेट करना होगा. हालांकि, विभाग ने साफ किया कि इन-ऑपरेटिव पैन इनएक्टिव पैन नहीं है. टैक्स विभाग ने कहा कि व्यक्ति पैन के इन-ऑपरेटिव बन जाने के बाद भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकता है. हालांकि, इन-ऑपरेटिव पैन कार्ड वाले व्यक्ति को बकाया रिफंड या ब्याज नहीं मिलेगा. इन-ऑपरेटिव पैन के लिए टैक्स डिडक्टेबल एट सोर्स (TDS) और टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) भी ज्यादा दर पर कटेगा.