रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करके सबको हैरान कर दिया है. ये उन लाखों होम लोन ग्राहकों के लिए एक गुड न्यूज है जिनकी मंथली EMI में बड़ी कमी देखने को मिलेगी. एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट से जुड़े लोन वाले लोगों को आने वाले रीसेट साइकिल में ब्याज दरों में गिरावट देखने को मिल सकती है.
EMI में कितनी कमी आएगी, कुल ब्याज का भुगतान कितना कम हो जाएगा, इसको हम उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए 8.5% की ब्याज दर पर लिया है. अभी आपकी मंथली EMI 43,391 रुपये है. मान लीजिए आपके बैंक ने ब्याज दर को घटाकर 8% कर दिया तो ऐसे में आपकी नई EMI क्या होगी.
50 लाख के होम लोन पर कैलकुलेशन
मौजूदा स्थिति
लोन की रकम: 50 लाख
ब्याज दर: 8.5%
लोन की अवधि: 20 साल
मंथली EMI: 43,391 रुपये
कुल ब्याज: 54,13,879 रुपये
रेट कट के बाद EMI
अगर आपका लोन रेपो रेट से लिंक्ड है और आपका बैंक पूरी 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती आपको ट्रांसफर कर देता है तो आपकी EMI कितनी कम हो जाएगी, आपका इंटरेस्ट कितना कम हो जाएगा, देखिए ये कैलकुलेशन
आपका लोन 8.5% पर चल रहा है, अब ये घटकर 8% हो जाएगा.
लोन की रकम: 50 लाख
ब्याज दर: 8%
लोन की अवधि: 20 साल
मंथली EMI: 41,822 रुपये
कुल ब्याज: 50,37,281 रुपये
आपकी मंथली EMI में राहत ₹43,391- ₹41,822= ₹1,569 हो जाएगी
आपका ब्याज ₹54,13,879-₹50,37,281= ₹3,76,598 कम हो जाएगा
25 लाख के होम लोन पर कैलकुलेशन
अब दूसरा उदाहरण लें, मान लीजिए आपने 25 लाख रुपये का लोन लिया है, 20 साल के लिए 8.5% पर, फिर आपका बैंक ब्याज दर को घटाकर 8% करता है तो आपकी मंथली EMI और कुल ब्याज भुगतान पर क्या असर पड़ेगा, देखिए कैलकुलेशन
मौजूदा स्थिति
लोन की रकम: 25 लाख
ब्याज दर: 8.5%
लोन की अवधि: 20 साल
मंथली EMI: 21,696 रुपये
कुल ब्याज: 27,06,939 रुपये
रेट कटौती के बाद EMI
लोन की रकम: 25 लाख
ब्याज दर: 8%
लोन की अवधि: 20 साल
मंथली EMI: 20,911 रुपये
कुल ब्याज: 25,18,640 रुपये
आपकी मंथली EMI में राहत ₹21,696- ₹20,911= ₹785 हो जाएगी
आपका ब्याज ₹27,06,939-₹25,18,640 = ₹1,88,299 कम हो जाएगा
लेकिन ये ध्यान रहे कि बैंक EMI कम करने की बजाय लोन की अवधि कम करने पर जोर देते हैं. जिससे ब्याज पर ज्यादा बचत होगी, यानी EMI तो आपकी वही रहेगी, लेकिन लोन तय वक्त से पहले खत्म हो जाएगा. लेकिन आप चाहें तो EMI में कमी को चुन सकते हैं.
सस्ते और मध्यम कीमत वाले घरों को प्रोत्साहन मिलेगा
नाइट फ्रैंक इंडिया के चैयरमैन और मैनैजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल का कहना है कि रिजर्व बैंक की 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कम और मध्यम कीमत वाले हाउसिंग सेगमेंट्स को ऊपर उठाने के मकसद से एक मजबूत और सक्रिय रुख को दर्शाती है. पिछले कुछ वर्षों में, मजबूत हाउसिंग मार्केट की गति तेजी से प्रीमियम अंत में केंद्रित हो रही थी, जबकि लोअर सेगमेंट्स के कमजोर होने के संकेत थे. पॉलिसी रेट्स में कुल 100 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती के साथ हम उम्मीद करते हैं कि लोअर सेगमेंट्स में फिर से जान आ जाएगी क्योंकि ऐसे घर खरीदारों के लिए अफोर्डेबिलिटी बढ़ जाएगी.