Mutual Fund for Children: भविष्य में बेहतर रिटर्न पाने के लिए इन्वेस्टमेंट के लिहाज से म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बढ़िया ऑप्शन होता है. AMFI के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. और आने वाले दिनों में ये संख्या और तेजी से बढ़ सकती है.
वजह है, बच्चों के नाम से निवेश नियमों में दी गई ढील. दरअसल, सेबी (SEBI) ने बच्चों के नाम पर म्यूचुअल फंड में निवेश के नियमों को आसान कर दिया है. अब बच्चों के नाम से बैंक अकाउंट न भी हो, तो भी उनके नाम पर म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकेगा.
माता-पिता के अकाउंट से होगा निवेश
SEBI के एक ताजा सर्कुलर के मुताबिक, अब माता-पिता और लीगल गार्जियन अपने अकाउंट से भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. यानी म्यूचुअल फंड में निवेश के समय बच्चों के नाम से खाते की जरूरत नहीं होगी. नए नियम 15 जून से लागू हो जाएंगे.
पहले क्या थे नियम?
अब तक बच्चों के नाम से म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए उनके नाम पर बैंक अकाउंट या उनके नाम वाला जॉइंट अकाउंट जरूरी होता था. दिसंबर 2019 में सेबी ने इसे अनिवार्य कर दिया था. अब म्यूचुअल फंड एडवाइजरी कमेटी ने 2019 वाले अपने पुराने आदेश को वापस ले लिया है.
मैच्योरिटी पर जरूरी होगा अलग अकाउंट
बच्चों के नाम से म्यूचुअल फंड में निवेश करने की जहां तक बात है, वो तो उनके पैरेंट्स के अकाउंट से भी हो जाएगा, लेकिन जब इन पैसों को निकालने की बारी आएगी, तब बच्चे के नाम का बैंक खाता जरूरी होगा. सेबी के अनुसार, म्यूचुअल फंड स्कीम की मैच्योरिटी के बाद निकासी (Withdrawal) के लिए बच्चों के नाम का बैंक अकाउंट जरूरी होगा.