Health Insurance Policy: हाल के वर्षों में बीमारियां बढ़ी हैं, जबकि इलाज महंगा होता चला जा रहा है. छोटे-मोटे ऑपरेशन का खर्च आजकल इतना बढ़ गया है कि किसी पर भी भारी पड़ जाता है. कई बार तो लोगों को इलाज के लिए अपनी सेविंग स्कीम्स तोड़नी पड़ती है या फिर कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बेहद जरूरी है.
कोरोना के दौर में भी सब ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का महत्व समझा. जिनके पास पॉलिसी थी, उनके बहुत काम आई. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में अस्पताल में दाखिल होने और इलाज के खर्च से लेकर व्यक्ति के डिस्चार्ज होने और दवाओं तक के खर्च शामिल होते हैं. यानी हेल्थ इंश्योरेंस हो तो बीमारी के खर्चे की नो टेंशन!
शादी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस
बहुत सारे युवा ये मानकर चलते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस बड़ी उम्र के लोगों या बुजुर्गों के जरूरत की चीज है, लेकिन युवाओं के लिए भी ये बेहद जरूरी है. कारण कि बीमारी उम्र पूछ कर नहीं आती.
गुरुग्राम स्थित एक इंश्योरेंस पॉलिसी फर्म में CA अमित कुमार कहते हैं कि खासकर शादी के बाद तो युवाओं को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले ही लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शादी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए.
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ध्यान रखें ये 5 बातें
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय ये ध्यान रखना चाहिए कि उसके तहत कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) और रीइंबर्समेंट क्लेम (Reimbursement Claim) दोनों सुविधा हो.
पति या पत्नी जॉब करते हों और कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिला हो तो भी पर्सनल इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए. कारण कि कॉर्पोरेट पॉलिसी आपके स्वास्थ्य संबंधी सारी जरूरतें पूरी हो सके.
इंश्योरेंस पॉलिसी एक्सपर्ट अमित कुमार ने बताया कि शादी के बाद ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुननी चाहिए, जिसमें पति-पत्नी दोनों को कम से कम 10-10 लाख रुपये का सम एश्योर्ड जरूर मिले.
25 लाख रुपये कवर वाला फैमिली फ्लोटर प्लान की भी सलाह अमित कुमार देते हैं. उन्होंने कहा कि अगर फाइनेंशियल स्टेटस ठीक हो तो 1 करोड़ रुपये तक कवर देने वाले कई हेल्थ प्लान बाजार में उपलब्ध हैं.
हेल्थ प्लान में मैटरनिटी बेनिफिट्स जरूर शामिल हो. अमित कुमार ने कहा कि जिन युवाओं की शादी न हुई हो, उन्हें भी मैटरनिटी बेनिफिट्स वाला प्लान चुनना चाहिए, क्योंकि हेल्थ इंश्योरेंस रोज लेने की चीज नहीं है.
मैटरनिटी बैनिफिट्स वाले प्लान में महिला के गर्भावस्था से लेकर, बच्चे के जन्म के दौरान होने वाले खर्चे कवर होते हैं. अमित कहते हैं कि इंश्योरेंस जैसे काम में देरी ठीक नहीं. आप समय रहते हेल्थ इंश्योरेंस करवा लें, इसी में बुद्धिमानी है. इससे आपकी लाइफ हेल्दी और वेल्दी रहेगी.