EPF: 5,000 रुपये के मंथली कंट्रीब्यूशन से 1 लाख रुपये मासिक पेंशन तक; जानिए रिटायरमेंट प्लानिंग?

EPF का प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा किया जाता है और एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है.

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कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक लोकप्रिय रिटायरमेंट सेविंग प्लान है. अगर आपका टारगेट रिटायरमेंट के बाद 1 लाख रुपये की मंथली इनकम हासिल करना है, तो EPF निवेश के जरिये ये मुमकिन हैं. आइये जानते हैं आप अपने लक्ष्‍य को कैसे हासिल कर सकते हैं. लेकिन 5,000 रुपये या 1 लाख रुपये/ माह का EPF निवेश समय के साथ कितना बढ़ सकता है?

EPF का प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा किया जाता है और एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है. जिसकी सालाना समीक्षा की जाती है. अब तक, इस योजना में दी जाने वाली ब्याज दर 8.25%/ वर्ष है. इसमें समय के साथ रिटर्न तेजी से बढ़ता है. 30 साल की कार्य अवधि मानते हुए ये बताया गया है कि EPF कोष 8.25% प्रति वर्ष ब्याज पर कैसे बढ़ेगा?

1: 5,000 रुपये का कंट्रीब्यूशन

  • मासिक जमा: 5,000 रुपये

  • अवधि: 30 वर्ष

  • ब्याज दर: 8.25%

  • रिटायरमेंट पर कॉर्पस: लगभग 77.04 लाख रुपये

2. 1 लाख रुपये का कंट्रीब्यूशन

  • मासिक जमा: 1 लाख रुपये

  • अवधि: 30 वर्ष

  • ब्याज दर: 8.25%

  • रिटायरमेंट पर कॉर्पस: लगभग 15.41 करोड़ रुपये

EPF को प्रभावित करने वाले फैक्टर

योगदान अवधि: आप जितना अधिक समय तक कंट्रीब्यूशन करेंगे, कम्पाउंडिंग उतना अधिक होगी.

ब्याज दर में उतार-चढ़ाव: EPF दरें सालाना बदलती हैं, जिससे लॉन्ग टर्म रिटर्न प्रभावित होता है.

एंप्लॉयर योगदान: एंप्लॉयर भी EPF में योगदान करते हैं, जिससे कुल एकम्यूलेशन बढ़ता है.

निकासी और ट्रांसफर: समय से पहले निकासी से अंतिम कोष कम हो जाता है, जबकि लगातार कंट्रीब्यूशन से बढ़ता है.