होम लोन बैलेंस ट्रांसफर का क्या है फायदा, कब और कैसे करें इस सुविधा का इस्तेमाल?

मिडिल क्लास के लिए अपने घर का सपना बिना होम लोन के पूरा नहीं होता. लेकिन होम लोन की ब्याज दर अगर बेहिसाब बढ़ जाए, तो यही सपना सिरदर्द बन जाता है.

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मिडिल क्लास के लिए अपने घर का सपना बिना होम लोन के पूरा नहीं होता. लेकिन होम लोन की ब्याज दर अगर बेहिसाब बढ़ जाए, तो यही सपना सिरदर्द बन जाता है. पिछले एक-डेढ़ साल के दौरान देश के ज्यादातर होम लोन लेने वालों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. मई 2022 के बाद रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा कर चुका है और बैंकों ने होम लोन की दरें भी उसी अनुपात में बढ़ा दी हैं. इससे या तो लोगों की EMI आसमान छूने लगी है या फिर होम लोन की अवधि बेहिसाब बढ़ गई है.

कई लोगों ने पिछले 4-5 साल के दौरान होम लोन की जितनी किस्तें (EMI) भरी थीं, वे बढ़ते ब्याज की भेंट चढ़ चुकी हैं. यानी बरसों तक ईएमआई भरने के बाद भी कर्ज का बोझ उतना ही बना हुआ है. ऐसे मुश्किल हालात में होम लोन ट्रांसफर की सुविधा उम्मीद की एक किरण बन सकती है. आइए जानते हैं कि होम लोन ट्रांसफर के फायदे क्या हैं और इसका इस्तेमाल कब करना चाहिए.

होम लोन बैलेंस ट्रांसफर के फायदे

ऊंची ब्याज दरों के दौर में होम लोन बैलेंस को ट्रांसफर कराने के कई फायदे हैं, जिनके बारे में पूरी जानकारी इस बारे में सही फैसला लेने में आपकी मदद कर सकती है.

ब्याज दर में कमी: होम लोन ट्रांसफर करते समय आप सबसे कम ब्याज पर कर्ज दे रहे बैंक का चुनाव करके अपने पैसे बचा सकते हैं. आम तौर पर सभी बैंक पुराने ग्राहकों के मुकाबले नए ग्राहकों को कम ब्याज दर ऑफर करते हैं. इसका फायदा भी होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कराते समय मिल सकता है.

EMI का बोझ घटेगा: होम लोन की ब्याज दर कम होने पर आपकी ईएमआई कम हो सकती है. इससे आपके घर का बिगड़ा हुआ बजट फिर से संभल सकता है. ईएमआई घटने से हुई बचत का इस्तेमाल आप किसी बेहतर रिटर्न देने वाले निवेश के लिए भी कर सकते हैं.

लॉन्ग टर्म सेविंग: ब्याज दर में मामूली कटौती भी लंबी अवधि के दौरान काफी फायदेमंद साबित होती है. इस तरह आप होम लोन की पूरी अवधि में अच्छी खासी रकम बचा सकते हैं. अगर ब्याज घटने पर आप ईएमआई कम कराने की बजाय होम लोन का टेन्योर घटाने का फैसला करते हैं तो और भी ज्यादा बचत कर सकते हैं.

क्रेडिट स्कोर में सुधार का लाभ: अगर पिछला होम लोन लेने के बाद आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार हुआ है, तो इसका फायदा आपको होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कराते समय मिल सकता है. बेहतर क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को बैंक बेहतर शर्तों और ब्याज दरों पर लोन देने को तैयार हो जाते हैं.

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होम लोन ट्रांसफर कब करें?

होम लोन बैलेंस का ट्रांसफर कराने पर ब्याज दर में कमी तो होगी, लेकिन ऐसा कब और किन्हें करना चाहिए, इसे समझने के लिए कुछ बातों पर गौर करना जरूरी है.

लोन की बची हुई अवधि कितनी है: होम लोन का बैलेंस ट्रांसफर करने के बारे में कोई भी फैसला लेते समय यह देखना जरूरी है कि आपके होम लोन का कितना टेन्योर बाकी बचा है. अगर आपका पिछला होम लोन कुछ ही समय पहले शुरू हुआ है यानी उसकी ज्यादातर अवधि बची हुई है, तो आपके लिए बैलेंस ट्रांसफर ज्यादा फायदेमंद होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि लोन की शुरुआत में EMI का अधिकांश हिस्सा ब्याज में ही चला जाता है. इसका मतलब ये हुआ कि ब्याज में थोड़ी सी कटौती भी आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकती है.

लेकिन अगर आपका होम लोन काफी पुराना है और उसका टेन्योर खत्म होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है, तो आपको बैलेंस ट्रांसफर से बहुत फायदा नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि लोन के आखिरी दिनों में आपकी ईएमआई का ज्यादातर हिस्सा प्रिंसिपल री-पेमेंट यानी मूल धन की अदायगी का होता है. ऐसे में यह भी होसकता है कि लोन ट्रांसफर कराने की लागत को एडजस्ट करने के बाद आपको बिल्कुल भी फायदा न हो रहा हो. अगर ऐसा है, तो होम लोन बैलेंस ट्रांसफर आपके लिए सही फैसला नहीं है.

होम लोन बैलेंस ट्रांसफर की लागत: होम लोन का बैलेंस ट्रांसफर करने में भी कुछ न कुछ खर्च होता है यानी उसकी भी लागत होती है. मसलन, पुराना बैंक होम लोन बैलेंस के 1 से 2 फीसदी के बराबर बैलेंस ट्रांसफर चार्ज ले सकता है. लोन देने वाला नया बैंक भी प्रोसेसिंग फीस, लीगल फीस, डॉक्युमेंटेशन फीस वगैरह चार्ज कर सकता है. इन तमाम लागतों को जोड़ने के बाद ही तय करें कि बैलेंस ट्रांसफर कराने में आपको फायदा हो रहा है या नहीं.

टीजर रेट का पेंच

ये बात हमेशा ध्यान में रखें कि बैंक आम तौर पर नए ग्राहकों के लिए स्पेशल टीज़र रेट रखते हैं, जो पहले एक साल के लिए लागू होते हैं. अगर ऐसा है, तो एक साल बाद नया बैंक भी आपसे ज्यादा ब्याज वसूलना शुरू कर सकता है. लिहाजा, बैलेंस ट्रांसफर के बारे में अंतिम फैसला करने से पहले नए बैंक के ऑफर से जुड़ी तमाम बारीकियों को अच्छी तरह समझ लें.

पुराने बैंक से भी बात करें

नए बैंक से बेहतर ब्याज दर पर मिल रहे होम लोन का सैंक्शन लेटर हासिल करने के बाद एक बार अपने पुराने बैंक के अफसरों से भी जरूर बात करें. कई बार बैंक अपने पुराने ग्राहक को खोना नहीं चाहते और काउंटर ऑफर देने को तैयार हो जाते हैं. अगर आपका पुराना बैंक ऐसा करता है, तो आप बैलेंस ट्रांसफर पर होने वाले कई तरह के खर्चों और झमेलों से बच जाएंगे. लेकिन अगर आपका पुराना बैंक ऐसा नहीं करता तो बैलेंस ट्रांसफर का ऑप्शन तो आपके पास है ही.

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